बारिस में भीगा लाखो का धान, क्या खरीदी प्रभारी दे पाएंगे जीरो शार्टेज ?

राकेश पाठक, हिंद शिखर न्यूज सूरजपुर – मंगलवार को आये आंधी तूफान एवं बारिस के कारण खरीदी केंद्र में रखे लाखों रुपये धान बर्बाद हो गए। भैयाथान विकासखण्ड अंतर्गत सात धान खरीदी केंद्र हैं जिसमे चंद्रमेढा, सलका, भैयाथान, सिरसी, केवरा, सोनपुर व शिवप्रसादनगर सामिल हैं। जहां से अभी तक पूर्ण रूप से धान का उठाव नही हो पाया है । अगर इन सातों खरीदी केंद्रों को मिलाकर देखें तो मंगलवार को हुये बारिस से जो धान बर्बाद हुए हैं उसका आंकड़ा करोड़ों का भी हो सकता है जिसकी जिम्मेदारी आखिर किसकी होगी ? ज्ञात हो कि धान खरीदी बंद हुए एक पखवाड़ा बीत चुका है , विपरण केंद्र के द्वारा खरीदी केंद्रों से धान का उठाव लगभग पूर्ण कर लेना था पर धान उठाव के जिम्मेदार विपरण केंद्र की चाल केंछुये की भांति है जिसके कारण खरीदी केंद्रों में धान के ऊंचे – ऊंचे स्टेजों का अम्बार लगा हुआ है। वहीं जानकारों की माने तो अभी भी मौसम की स्थिती सामान्य नही हो पाया है फिर से कभी भी बारिस हो सकती है ।
तिरपाल की भी कमी
खरीदी केंद्रों में रखे धान को बारिस से बचाने के लिए समितियों में पर्याप्त तिरपाल होना जरूरी है , पर कई खरीदी केंद्रों में बारिस के दौरान धान बिना तिरपाल के खुले नजर आए।
कैसे देंगे जीरो शार्टेज
बीते वर्ष तक जीरो शार्टेज में पूर्ण धान उठाव हो रहा था, लेकिन इस बार लंबित उठाव को देखते हुए खरीदे गए धान में कमी आने की संभावना है। धान की सुरक्षा के लिए प्रति क्विंटल तीन रुपए दर निर्धारित है। जिस राशि से प्रभारियों के द्वारा बिजली तार व फ्लैक्स की खरीदी के साथ ही हमाल का भुगतान किया जाता है। जिस राशि का भुकतान खरीदी कार्य पूरा होने के बाद भी अभी तक नहीं हुआ है। खरीदी केंद्र प्रभारियों की माने तो समय पर धान का उठाव न होने व समय पर राशि न मिलने के कारण सूखती के नाम पर अतिरिक्त धान लेकर इसकी भरपाई करना पड़ सकता है।
इस संबंध में डीएमओ सूरजपुर से बात की गयी जिन्होंने बताया कि धान उठाव के लिए रायपुर से डी.ओ.जारी की जाती है। उक्त डी.ओ. के अनुसार जितना धान उठाव करने का लिमिट होता है उसी हिसाब से धान उठाओ की जा रही है।