रायपुर

छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की 48वीं पुण्य तिथि आज… विभिन्न शासकीय कार्यक्रमों का आयोजन… पढ़ें मिनीमाता का पूरा जीवन परिचय

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 11 अगस्त को छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की 48वीं पुण्य तिथि पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वे इस मौके पर न्यू राजेन्द्र नगर सांस्कृतिक भवन स्थित नवनर्मित वातानुकूलित भवन का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल इस अवसर पर सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए महिलाओं और प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी करेंगे।

मिनीमाता थी छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद, लोग मानते थे मसीहा

: मिनीमाता छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद थीं। समाज का पिछड़ापन दूर करने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। छुआछूत मिटाने के लिए उन्होंने इतना काम किया कि मिनी माता को लोग मसीहा के रुप में देखा करते थे।

छत्तीसगढ़ की राजमाता 

वह किसी राजघराने से नहीं आती थीं पर छतीसगढ़ की जनता उन्हें राजमाता जैसा सम्मान देती है। छत्तीसगढ़ सरकार उनके सम्मान में हर वर्ष महिलाओं के विकास के क्षेत्र में काम करने वालों को मिनीमाता सम्मान देती है। छत्तीसगढ़ का विधानसभा भवन उनके नाम पर बना है।

मानवता की सेवा

 वे 1952, 1957, 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सांसद चुनी गईं। संसद में अस्पृश्यता बिल को पास कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाल विवाह, दहेज प्रथा दूर करने के लिए आवाज उठाई तो गरीबी, अशिक्षा दूर करने के लिए भी काम करती रहीं। अनाथ व पीड़ितों की सेवा करना जीवन का प्रमुख लक्ष्य रहा। 1971 में उन्होंने जीवन का आखिरी चुनाव जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से जीता था।

 मिनीमाता का जन्म 1913 में असम के नौगांव में हुआ था। उनका मूल नाम मीनाक्षी देवी था। उनका बचपन गरीबी में गुजरा। मिनीमाता का विवाह छत्तीसगढ़ के सतनामी पंथ के गुरु अगम दास के संग हुआ था।

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