बालको राखड़ डेम बना चोटी बना दिया शहरी क्षेत्र के बीचो- बीच लोगों का जीना हुआ मुश्किल
विनोद शुक्ला, ब्यूरो चीफ हिंद शिखर न्यूज़ कोरबा:- बालको से उत्सर्जित राखड़ डेम खाली करने के उद्देश्य से लो-लाइन एरिया में भरी जा रही है इसके लिए बालकों द्वारा विभिन्न कंपनियों को राखड़ भराव कार्य का काम दिया गया है।
पेयजल पर पड़ेगा दुष्प्रभाव
लेकिन पर्यावरणीय नियमों को धता बताकर बालको एवं बालको की ठेका कंपनी द्वारा शहरी क्षेत्र में बीचो- बीच कृषि योग्य, उपजाऊ भूमि पर राखड़ का भराव कार्य किया जा रहा है जिसे लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि, इस प्रकार शहर के बीचो-बीच राखड़ भराव से क्षेत्र का भूजल स्तर प्रभावित होगा, राखड़ खुली हवा में उड़ने से लोगों को चर्म रोग और खुजली जैसी शिकायतें होने लगी हैं, राखड़ से निकलने वाले आर्सेनिक तत्व से जमीन की उर्वरा क्षमता भी प्रभावित होगी और इसका विपरीत प्रभाव जन स्वास्थ्य पर पड़ेगा।
इस संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है कि बिना योग्य एवं सक्षम पर्यावरणीय अनुमति के ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा सघन बस्ती के बीच राखड़ भरी जा रही है, इसके लिए स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से अनुमति नहीं ली गई है! केवल अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व ) से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर उसे आधार बनाकर पर्यावरणीय नियमों को धता बताया जा रहा है। केवल एसडीएम कार्यालय से प्राप्त अनापत्ति को अनुमति का आधार मानकर ठेका कंपनी द्वारा पर्यावरणीय नियमों के विपरीत सघन आबादी वाले क्षेत्र में राखड़ का भराव कार्य किया जा रहा है, विशेषज्ञों का कहना है कि बिना राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की वैध एवं सक्षम अनुमति के बिना राखड़ भराव का कार्य नहीं किया जा सकता, पर्यावरणीय अनुमति के लिए मापदंड निर्धारित है जिसके तहत पहले भूजलस्तर की जांच कर उसके दूरगामी परिणाम की तकनीकी टेस्ट रिपोर्ट आवश्यक होती है। उसके पश्चात बंजर, अनुपजाऊ, लो- लाइन भूमि पर, आबादी क्षेत्र से दूर मापदंड एवं शर्तों के अनुरूप फ्लाई ऐश फीलिंग की अनुमति दिए जाने का प्रावधान है, जिसके लिए राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सक्षम एजेंसी है, जो अनुमति जारी कर सकता है.
कोरबा में राखड़ का खेल
लेकिन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय एवं क्षेत्रीय पर्यावरण कार्यालय से प्राप्त केवल अनापत्ति की आड़ में अनुमति का खेल खेला जा रहा है, सूत्र बताते हैं कि इसके लिए राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से कोई अनुमति जारी नहीं की गई है, बिना अनुमति शहर की बीच राखड़ भराव करना अनुचित एवं अवैधानिक बताया गया है, जिसका व्यापक दुष्प्रभाव ग्रीनलैंड एवं कृषि उपजाऊ भूमि पर पड़ेगा।
इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से संपर्क कर पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका बिना योग्य एवं सक्षम पर्यावरणीय अनुमति के क्या शहर के बीचो- बीच 1 लाख क्यूबिक मीटर राखड़ का भराव किया जाना उचित है । इसके लिए जिला प्रशासन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा योग्य अनुमति दी गई है या नहीं ? यह तो जांच का विषय है लेकिन स्थानीय स्तर पर लोग हो रहे है परेशान।