कोविड-19 से बचाव की शर्तो का पालन कर जिले में मनाया जायेगा दुर्गोत्सव, सूरजपुर कलेक्टर ने जारी किये दिशा निर्देश
सूरजपुर /कलेक्टर रणबीर शर्मा के द्वारा दुर्गोत्सव के लिए कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए शर्ताे के अधीन अनुमति प्रदान की गई है। उन्होनें बताया है कि छत्तीसगढ़ में दुर्गोत्सव धार्मिक परम्परा का अभिन्न अंग है , जिससे लोगों की असीम श्रद्धा जुड़ी हुई है व विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी दुर्गोत्सव का आयोजन शहरी व ग्रामीण अंचल में किया जाना है । परंतु छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ सूरजपुर जिले में भी नोवल कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है ।
दुर्गोत्सव के लिए कलेक्टर के द्वारा निम्न शर्तो पर अनुमति प्रदान की गई है।
01. मूर्ति की ऊँचाई एवं चैडाई 4ग्4 फिट से अधिक न हो । 02. मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15aग्15 फिट से अधिक न हो । 03. पंडाल के सामने कम से कम 5000 वर्ग फिट की खुली जगह हो । 04. पंडाल एवं सामने 5000 वर्गफिट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो । 05. मंडप, पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो । दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाये जायेंगे । 06. किसी भी एक समय में मण्डप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक न हों । 07. मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी , जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम , पता , मोबाईल नम्बर दर्ज किया जायेगा , ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके । 08. मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति 04 सीसीटीवी लगायेगा , ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके । 09. मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा । ऐसा पाये जाने पर सम्बन्धित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जायेगा । 10. मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाइजर , थर्मल स्क्रिनिंग , आक्सीमीटर , हैण्डवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी । थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से सम्बन्धित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी । 11. व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था , बांस , बल्ली से बेरिकेडिंग कराकर कराया जायेगा । 12 यदि कोई व्यक्ति , जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है , तो ईलाज का सम्पूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जायेगा । 13. कन्टेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी । यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कन्टेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी । 14. मूर्ति स्थापना के दौरान , विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज , भण्डारा , जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी । 15. मूर्ति स्थापना के समय स्थापना के दौरान , विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र , ध्वनि विस्तारक यंत्र , डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी । 16 मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद , चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी । 17. मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी । 18 , मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप , टाटा एस ( छोटा हाथी ) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। 19. मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज – सज्जा , झांकी की अनुमति नहीं 20 , मूर्ति विसर्जन के लिए 04 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे । पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी । 21. मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पण्डाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी । 22. विसर्जन के लिए नगर पालिका परिषद् , नगर पंचायत ध् ग्राम पंचायत द्वारा निर्धारित रूट मार्ग एवं तिथि एवं समय का पालन करना होगा । शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी । सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे । 23. विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत , भण्डारा , प्रसाद वितरण , पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी । 24. सूर्यास्त के पश्चात् एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी । 25. उपरोक्त शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी । यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है तो कम से कम 7 दिवस पूर्व अनुविभागीय दण्डाधिकारी कार्यालय में निर्धारित शपथ – पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने पश्चात् अनुमति की सूचना नगरपालिका परिषद, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत एवं सम्बन्धित पुलिस थाना, चैकी को देकर ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी । 26. इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार , स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं छ.ग. शासन द्वारा समय – समय पर जारी एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा । बताया गया है कि निर्देश का उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिजीज एक्ट एवं विधि अनुकूल अन्य धाराओं के तहत् कठोर कार्यवाही की जायेगी ।