पुलिसकर्मियों के मन में फिर सुलगने लगी है असंतोष की दबी हुई चिंगारी.. वेतन के नाम पर सिर्फ उन्हें मिल रहा चंदा.. मानसिक तनाव में जीवन यापन करने को है मजबूर..

सुरजपुर। प्रदेश में पुलिस आरक्षकों के वेतन बढ़ाने को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है परंतु आज तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई जिसे पुलिस आरक्षक अपने आप को प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। ना तो उनका छुट्टी का पता ना किसी प्रकार की परिवारिक बेनिफिट्स यहां तक छुट्टियां नही मिलने से कई लोगों के शादियां नहीं हो पाई। इसके बावजूद भी इन्हें वेतन के नाम पर सिर्फ चंदा ही दिया जा रहा है जिससे इनमें मानसिक तनाव बना हुआ है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनाव से पहले पुलिस आरक्षको के वेतन बढ़ोतरी एवं विभिन्न मांगों को पूरा करने का वादा किया था।सरकार को याद दिलाते हुए प्रदेश में सेवारत पुलिस आरक्षकों के वेतन बढ़ोतरी को लेकर एक बार फिर मांग उठी है। इसको लेकर सांसद मोहन मंडावी व छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंंदन कश्यप ने सीएम भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखा है। सांसद मोहन मंडावी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में सेवारत पुलिस आरक्षकों को वेतन ग्रेड 1900 से बढ़ाकर 2800 किया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस आरक्षकों का पद कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम होता है। पुलिस आरक्षक सन 1861 से 24 घंटे के एग्रीमेंट पर 12 से 18 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे है।
कठिन सेवाओं के बाद भी उन्हें वेतन बढ़ोत्तरी का लाभ नहीं मिल पा रहा है। न्यूनतम वेतन ग्रेड पे के कारण उनकी पारिवारिक, सामाजिक आर्थिक स्थिति को विशेष रूप से आवश्यता है। पुलिस आरक्षक की सेवाओं व उन्हें मिल रहे वेतन को ध्यान में रखते हुए इस प्रकरण पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए। वहीं छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंंदन कश्यप ने पुलिस आरक्षकों वेतन बढ़ाने की मांग को जायज बताया है।उन्होंने बताया कि इनका वेतन एवं भत्ते बढ़ाने की मांग लंबे अरसे से की जा रही है।
वर्तमान में इन्हे आधारभूत सुविधाएं भी प्राप्त नहीं है। अन्य संवर्ग की अपेक्षा वेतन भत्ता कम होने के कारण अधिकांश पुलिसकर्मी अपनी जरूरते बैंक से लोग लेकर पूरी कर रहे हैं। पुलिस कर्मी कोई दूसरा व्यवसाय नहीं कर सकते और ना ही इन्हें अपनी मांगों व समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन या हड़ताल करने का अधिकार है। इन्ही कारणों से विभाग की नींव कहे जाने वाले यह आरक्षक अवसादग्रस्त हो रहे है। पुलिस कर्मियों द्वारा की जा रही आत्महत्या की घटनाओं के पीछे भी उनका मानसिक असंतोष है। चंंदन कश्यप ने पुलिस कर्मियों के उक्त मांगों को जल्द पूरा करने की आग्रह की।. मानसिक तनाव में जीवनयापन करने हैं मजबूर