लॉकडाउन अवधि में बैंकों द्वारा EMI पर ब्याज वसूलने पर सुप्रीम कोर्ट की केंद्र सरकार को कड़ी फटकार
नई दिल्ली -सुप्रीम कोर्ट ने EMI बाद में चुकाने की सहूलियत देकर ब्याज वसूलने की नीति पर सरकार को जमकर फटकार लगाई है देश की सुप्रीम अदालत ने कहा कि सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई की आड़ लेकर अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकती है कोर्ट ने सरकार से कहा आप अपना पूरा ध्यान से कारोबार पर नहीं रख सकते आपको लोगों के दुखों का भी ख्याल रखना होगा
आरबीआई पर नहीं छोड़ा जा सकता इतना गंभीर फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि सरकार को आपदा प्रबंधन कानून के तहत यह अधिकार प्राप्त है जिसका इस्तेमाल कर वह लोगों को टाली हुई लोन यह EMI पर ब्याज माफ कर सकती है लॉकडाउन के कारण उपजे हालात में ब्याज वसूलने या नहीं वसूलने का फैसला आरबीआई पर नहीं छोड़ा जा सकता
बैंको ने नहीं दी EMI चुकाने से राहत
ज्ञात हो कि रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन के कारण रोजगार छीनने से , लोन लेने वालों को राहत देने के मकसद से EMI वसूलने में नरमी दिखाई रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा कि वह अपने ग्राहकों को 31 अगस्त तक EMI नहीं भरने का ऑफर दे हालांकि इस दौरान ग्राहकों से सामान्य दर से ब्याज वसूलने की अनुमति बैंकों को दी गई है
याचिकाकर्ता की मांग माफ हो ब्याज
आरबीआई के इस नीति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर लोन की ब्याज माफ किए जाने की मांग रखी गई है याचिकाकर्ता ने दलील दी कि भारत सरकार की तरफ से सुनवाई को बार-बार टालने की मांग की जा रही है अभी तक कोई भी हलफनामा दायर नहीं किया गया है ना इस संबंध में आरबीआई ने कुछ कहा है कोर्ट ने इस याचिका पर सरकार से कहा ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर आरबीआई के फैसले की आड़ ले रही है जबकि उसके पास आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत ऐसी शक्तियां हैं कि वह बैंकों को एमआई पर जमा हुए ब्याज चुकाने से रोक सकती है यह कहते हुए मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर तक के लिए टाल दी गई