छत्तीसगढ़

तीरथगढ़ में ‘बेंबू राफ्टिंग’ का रोमांच शुरू, इको-टूरिज्म को बढ़ावा देकर स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोज़गार

रायपुर । छत्तीसगढ़ के विश्व प्रसिद्ध तीरथगढ़ जलप्रपात क्षेत्र में अब पर्यटकों के लिए रोमांच और प्रकृति का अनूठा संगम उपलब्ध हो गया है। यहां मूंगाबाहर नाले में बांस से बनी नावों पर रोमांचक बेंबू राफ्टिंग की शुरुआत की गई है, जो इस पर्यटन स्थल का नया आकर्षण बनकर उभरी है।
राज्य के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने आज तीरथगढ़ पहुंचकर इस नई पहल का जायजा लिया और स्वयं बांस की नाव (बेंबू राफ्टिंग) और कायाकिंग का अनुभव लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह गतिविधि क्षेत्र में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करने में सहायक होगी।
वन मंत्री ने जोर दिया कि राज्य सरकार ग्रामीण और वन क्षेत्रों में पर्यटन को आजीविका का साधन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे स्थानीय निवासियों को आत्मनिर्भरता और रोजगार के अवसर उनके गृह क्षेत्र में ही मिल सकें। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार की यह पहल स्थानीय लोगों को सशक्त बनाने और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
इस अवसर पर श्री कश्यप ने इको विकास समिति के सदस्यों से भी चर्चा की और बताया कि राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बस्तर संभाग में पर्यटन को एक नए और आधुनिक स्वरूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि तीरथगढ़ में यह इको-टूरिज्म पहल न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक और सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान दिलाएगी। यह रोमांचक गतिविधि अब पर्यटकों को तीरथगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता का करीब से अनुभव करने का मौका देगी।

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