छत्तीसगढ़

निर्देश के बावजूद शिक्षक अब तक संलग्न ,स्कूल शिक्षा विभाग ने तीन लाइन के आदेश में कलेक्टरों को संलग्नीकरण समाप्त करने का दिया स्पष्ट निर्देश

रायपुर – छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के संलग्नीकरण (अटैचमेंट) को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग की सख्ती के बावजूद स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। विभाग ने हाल ही में एक संक्षिप्त, लेकिन बेहद स्पष्ट आदेश जारी किया है, जिसमें सभी कलेक्टरों को संलग्नीकरण तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश महज तीन लाइनों में है, जो इसकी गंभीरता और अनिवार्यता को दर्शाता है।

बार-बार आदेश, फिर भी अनदेखी

यह आदेश ऐसे समय में आया है जब 5 जून को जारी पिछले आदेश के बावजूद कई जिलों में शिक्षकों का संलग्नीकरण अब तक समाप्त नहीं हुआ है। विभाग को लगातार यह जानकारी मिल रही थी कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalization) की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी कुछ जिलों में यह प्रथा जारी है, जो नियमों के खिलाफ है।

अधिकारियों की मनमानी पर लगाम लगाने का प्रयास

नए आदेश के मुताबिक, अवर सचिव ने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी प्रकार के शिक्षकों का संलग्नीकरण न किया जाए। यह निर्देश सीधे तौर पर उन अधिकारियों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए है जो सरकारी आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं। संलग्नीकरण के कारण न केवल शिक्षा व्यवस्था बाधित हो रही है, बल्कि इससे उन स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी हो रही है जहां उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

छात्रों की पढ़ाई का नुकसान

शिक्षकों के संलग्नीकरण का सीधा असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ता है। जब किसी स्कूल के शिक्षक को कहीं और अटैच कर दिया जाता है, तो उस स्कूल में बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। इस नए आदेश के बाद अब यह उम्मीद की जा रही है कि कलेक्टर इस पर सख्ती से अमल करेंगे और सभी संलग्न शिक्षकों को उनके मूल पदस्थापना स्थलों पर वापस भेजेंगे, ताकि शैक्षणिक कार्य सुचारू रूप से चल सके।

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