भगवान से नाराज़ था शख्स, 10 साल से कर रहा था मंदिरों में चोरी, वजह जानकर चौंक जाएंगे

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले और आसपास के मंदिरों में पिछले एक दशक से हो रही चोरी की वारदातों को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने 45 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जो मंदिरों के दानपात्रों से पैसे चुराता था।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी चोरी का तरीका बहुत ही शातिर था। वह वारदात को अंजाम देने से पहले और बाद में कपड़े बदलता था ताकि सीसीटीवी में उसकी पहचान न हो सके। वह अपनी गाड़ी भी मंदिर से दूर खड़ी करता था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह भगवान से “बदला” लेने के लिए ऐसा करता था।
भगवान से क्यों लिया बदला?
आरोपी ने खुलासा किया कि साल 2012 में जेल में रहने के दौरान वह एचआईवी पॉजिटिव हो गया था। इस घटना के बाद उसका भगवान पर से विश्वास उठ गया। उसने कहा, “भगवान ने मेरे साथ अन्याय किया, इसलिए मैंने तय किया कि मैं उन्हें उनकी जगह दिखाऊंगा।”
आरोपी ने दुर्ग के 10 मंदिरों में चोरी की बात कबूल की है। वह सिर्फ नकदी चुराता था और गहनों को कभी नहीं छूता था।
कैसे पकड़ा गया?
पुलिस ने 23-24 अगस्त को एक जैन मंदिर में हुई चोरी के बाद जांच शुरू की। ‘त्रिनयन’ ऐप और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने आरोपी का पता लगाया। फुटेज में वह कई बार कपड़े बदलते हुए और तंग गलियों से होकर जाते हुए दिखा, लेकिन आखिरकार पुलिस ने उसे पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी 2012 में जेल से बाहर आने के बाद से ही चोरी कर रहा था। वह पहले मंदिर की रेकी करता, फिर योजनाबद्ध तरीके से चोरी को अंजाम देता था।



