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छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए एग्रीस्टैक पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, बिना पंजीयन धान बिक्री नहीं

रायपुर, राज्य शासन द्वारा किसानों को शासकीय योजनाओं का लाभ आसानी से दिलाने के लिए एकीकृत किसान पोर्टल को अब एग्रीस्टैक पोर्टल से जोड़ा गया है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी किसानों को इस पोर्टल पर पंजीयन कराना जरूरी होगा। जिन किसानों ने पहले धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था, उन्हें भी संशोधन या कैरी फारवर्ड से पहले एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। बिना एग्रीस्टैक पंजीयन के कोई भी किसान धान विक्रय के लिए पात्र नहीं होगा। यह पंजीयन किसान नजदीकी लेम्प्स (सहकारी समिति) या ग्राहक सेवा केंद्र में निःशुल्क करवा सकते हैं।
एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीकृत किसानों को कृषक उन्नति योजना का भी लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत पिछले खरीफ में पंजीकृत किसानों को, जिन्होंने धान की जगह अन्य खरीफ फसलें लगाई थीं और उनकी गिरदावरी में पुष्टि हुई है, उन्हें प्रति एकड़ 11,000 रुपये की दर से आदान सहायता राशि दी जाएगी। वहीं, यदि किसान दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य (जैसे कोदो, कुटकी, रागी) या कपास की खेती करते हैं, तो उन्हें प्रति एकड़ 10,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी, बशर्ते कि पंजीयन और गिरदावरी दोनों सही हो। किसानों से अपील की गई है कि वे शासन की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जल्द से जल्द एग्रीस्टैक पोर्टल में अपना पंजीयन करवाएं। यह प्रक्रिया पूरी तरह निःशुल्क है और किसानों की सुविधा के लिए नजदीकी केंद्रों पर उपलब्ध है।
गौरतलब है कि कि एग्रीस्टैक एक डिजिटल इकोसिस्टम है, जिसे भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए विकसित किया है। इसका उद्देश्य किसानों की समस्त जानकारी जैसे पहचान, भूमि रिकॉर्ड, आय, कर्ज, फसल की जानकारी, और बीमा इतिहास आदि को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा करना है। हर किसान को एक विशिष्ट डिजिटल पहचान यानी किसान आईडी मिलेगी, जो उनके आधार से लिंक होती है।
एग्रीस्टैक पोर्टल का उद्देश्य किसानों और कृषि नीति निर्माताओं को एक डिजिटल छतरी के नीचे लाना, खेती-किसानी के डेटा का डिजिटाइज़ेशन करना करने के साथ ही  सरकारी योजनाओं की पहुँच तेज और सटीक बनाना है। इससे किसानों, सरकारी विभागों और एग्रीटेक कंपनियों के लिए डेटा-संचालित सेवा देना, फसल, भूमि, मौसम, मिट्टी, उत्पादन और वित्त संबंधी जानकारी एक जगह उपलब्ध होगी। सभी योजनाओं जैसे पीएम किसान निधि, फसल बीमा, खाद/बीज सब्सिडी सीधे किसान के खाते में पहुंचेगी। इससे काम में पारदर्शिता और तेजी आएगी। किसानों को फसल, भूमि, मौसम, मृदा स्वास्थ्य, बाढ़/सूखा से निपटने के उपाय और मार्केट लिंक आदि की डिजिटल जानकारी प्राप्त होगी। किसान की प्रोफाइल से उन्हें सस्ता लोन और बीमा तुरंत मिलेगा। एग्रीस्टैक द्वारा किसान को तकनीकी सलाह, नए उपकरणों की जानकारी और बाजार से सीधे जुड़ने का लाभ होगा। एक बार डिजिटल किसान का रजिस्ट्रेशन/आईडी हो जाने के बाद बार-बार दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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