अंबिकापुरः IPL सट्टा रैकेट में म्यूल अकाउंट खुलवाने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार, फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल

अंबिकापुर, 7 मई 2025: सरगुजा पुलिस ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है। पुलिस ने रितिक मंदिलवार उर्फ बमफोड़, उम्र 24 वर्ष, निवासी जोड़ा तालाब के पास सत्तीपारा, अंबिकापुर को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर ऑनलाइन सट्टेबाजी में रकम के लेनदेन के लिए ‘म्यूल अकाउंट’ खुलवाने में शामिल था। यह गिरफ्तारी पूर्व में इसी मामले में तीन सटोरियों की हुई गिरफ्तारी के बाद की गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, दिनांक 13 मई 2024 को थाना कोतवाली पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि आयुष सिन्हा उर्फ दीप सिन्हा (उम्र 30 वर्ष), अमित मिश्रा उर्फ पहलू (उम्र 30 वर्ष) और शुभम केशरी (उम्र 28 वर्ष), सभी निवासी सत्तीपारा शिव मंदिर के पास अंबिकापुर, स्काईएक्सचेज लिंक के माध्यम से आईपीएल मैच गुजरात टाइटन्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच चल रहे टी-20 मैच पर ऑनलाइन सट्टा खिला रहे हैं। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने छापा मारा और तीनों आरोपियों को मोबाइल फोन ऑपरेट करते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
तलाशी के दौरान आरोपियों के कब्जे से 19 मोबाइल फोन, 3 पासबुक, 2 चेकबुक, 21 एटीएम कार्ड और 20,100 रुपये नकद बरामद किए गए थे। इस संबंध में थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 325/24 धारा छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम की धारा 7, 8 के तहत मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था, जो वर्तमान में जमानत पर हैं।
मामले की आगे की जांच में पुलिस ने आरोपियों से जब्त एटीएम कार्ड और खाताधारकों के विवरण के आधार पर बैंकों से जानकारी मांगी। जांच के दौरान केनरा बैंक के खाताधारक आभाष पासवान (उम्र 22 वर्ष, निवासी दर्रीपारा गुढी माता चौक अंबिकापुर) को धारा 91 जा.फौ. के तहत नोटिस जारी कर पूछताछ की गई। आभाष पासवान ने बताया कि उसने अपने नाम से केनरा बैंक में खाता नहीं खुलवाया था, बल्कि वर्ष 2023 में काम के सिलसिले में अपना आधार कार्ड रितिक मंदिलवार को दिया था। बैंक से खाता खोलने का मूल फॉर्म जब्त कर जब आभाष पासवान को दिखाया गया, तो उन्होंने स्वयं को बिना पढ़ा-लिखा बताते हुए हस्ताक्षर को अपना नहीं बताया।
इसके बाद पुलिस ने रितिक मंदिलवार को पूछताछ के लिए बुलाया। पूछताछ में रितिक मंदिलवार ने खुलासा किया कि पूर्व में गिरफ्तार आरोपी अमित मिश्रा उर्फ पहलू के कहने पर उसने आभाष पासवान का आधार कार्ड और फोटो लेकर बिना बताए केनरा बैंक में खाता खुलवाया था। इसी तरह उसने लगभग 14-15 अलग-अलग लोगों के बैंक खाते खुलवाकर उनके बैंक खाते और एटीएम कार्ड अमित मिश्रा को सौंप दिए थे, जिसके बदले में उसे अपने यूनियन बैंक के खाते में कमीशन मिलता था। इन खातों का इस्तेमाल अमित मिश्रा ऑनलाइन सट्टेबाजी के लेनदेन के लिए कर रहा था।
इस खुलासे के बाद पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 467 (कूटरचना), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से कूटरचना), 471 (कूटरचित दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग करना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) भी जोड़ दी हैं। पर्याप्त सबूत मिलने पर रितिक मंदिलवार को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष सिंह परिहार और आरक्षक शिव राजवाड़े, मंटुलाल गुप्ता और आनंद गुप्ता सक्रिय रहे। सरगुजा पुलिस की इस सफलता ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के नेटवर्क पर एक बड़ा प्रहार किया है।




