21-24 साल के लड़कों का साइबर जाल: बलरामपुर पुलिस ने किया 4 करोड़ के म्यूल खाता रैकेट का पर्दाफाश, अंबिकापुर का 23 वर्षीय युवक साइबर ठगों का सरगना, बलरामपुर पुलिस ने तोड़ा करोड़ो के फ्रॉड का नेटवर्क.. 8 आरोपी गिरफ्तार

बलरामपुर / अंबिकापुर- बलरामपुर पुलिस ने साइबर अपराध और म्यूल बैंक खातों के संचालन में लिप्त एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड सहित कुल आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के बैढन में की गई। आरोपियों के कब्जे से लैपटॉप, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक और एक वाहन सहित लगभग 30 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। प्रारंभिक जांच में आरोपियों द्वारा संचालित सैकड़ों बैंक खातों के माध्यम से लगभग 4 करोड़ रुपये के अवैध लेनदेन का पता चला है।
मामले का विवरण:
पुलिस मुख्यालय रायपुर द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में संचालित म्यूल बैंक खातों के संबंध में जानकारी साझा की गई थी। इस सूचना के आधार पर बलरामपुर पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान थाना बलरामपुर क्षेत्र के व्यापारिक बैंकों से जारी हुए म्यूल बैंक खातों के धारकों के विरुद्ध दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए और दो आरोपियों – नंदन कुमार रजक और शोएब खान – को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था।
आगे की विवेचना में, गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ और प्राप्त साक्ष्यों के विश्लेषण के आधार पर, पुलिस को इस गिरोह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली जो म्यूल बैंक खाते खुलवाकर साइबर अपराधियों तक पहुंचाने का काम कर रहा था। जांच में पता चला कि यह आपराधिक गतिविधि अंबिकापुर से संचालित हो रही थी।
लगातार जांच के बाद, पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड अंबिकापुर निवासी सचिन कुमार सैनी उर्फ बिट्टू बिहारी का पता लगाया। जांच में सामने आया कि सचिन एक संगठित गिरोह चला रहा था, जिसमें वह ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेज छात्रों और अन्य व्यक्तियों से संपर्क कर उन्हें उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाने के लिए कहता था। प्रत्येक खाते के लिए वह उन्हें 4,000 से 12,000 रुपये देता था। इसके बाद, इन खातों को रायपुर में सक्रिय ब्रोकर्स को प्रति खाता 10,000 से 15,000 रुपये में बेच दिया जाता था।
गिरोह द्वारा खुलवाए गए सभी बैंक खातों में इंटरनेट बैंकिंग और एसएमएस अलर्ट के लिए फर्जी मोबाइल नंबर दिए जाते थे। बैंक खाते की पूरी जानकारी, एटीएम कार्ड और लिंक किए गए सिम कार्ड को कूरियर के माध्यम से रायपुर भेजा जाता था, जिससे गिरोह मोटी कमाई करता था। रायपुर के ब्रोकर्स इन बैंक खातों को देश के विभिन्न राज्यों में साइबर ठगी की गतिविधियों में इस्तेमाल करने के लिए बेच देते थे, जहाँ इन खातों में साइबर अपराध से प्राप्त पैसे जमा और निकाले जाते थे।
देश के अलग-अलग राज्यों में सायबर ठगी में उपयोग करने के लिए बिक्री कर दिया जाता था जिसमें आगे चलकर सायबर ठगी से प्राप्त किये गये रूपयों को जमा व निकासी की जाती थी।
जांच में यह भी पाया गया कि यह गिरोह ऑनलाइन बेटिंग ऐप “काबूक” का आईडी लेकर सट्टा खिलवाने के काम में भी शामिल था।
गिरफ्तारी और जब्ती:
पुलिस टीम ने सुनियोजित तरीके से कार्रवाई करते हुए आरोपियों को मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के बैढन में उनके किराए के मकान से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में
1. मास्टरमाइंड सचिन कुमार सैनी उर्फ बिट्टू बिहारी पिता रामचंद्र प्रसाद उम्र 24 वर्ष निवासी महुआ पारा वार्ड नं. 10 अंबिकापुर थाना गांधीनगर, जिला सरगुजा।
2. राजेश सोनकर पिता राजू सोनकर उम्र 25 वर्ष सा. अंबेडकर वार्ड मुंगेली थाना मुंगली जिला मुंगेली
3. सुखदेव साहू पिता रामजितन उम्र 23 वर्ष सा. कैलाशुपर जिला सूरजपुर
4. आयुश कुमार साहू पिता हीरालाल साहू उम्र 23 वर्ष सा. कैलाशुपर जिला सूरजपुर
5. मुकेश जायसवाल पिता सूर्यकांत जायसवाल उम्र 21 वर्ष सा. पौंडी थाना पाली जिला कोरबा
6. प्रशांत सिंह पिता स्व. जनक प्रताप सिंह उम्र 23 वर्ष सा. दत्ता कालोनी अंबिकापुर थाना गांधीनगर जिला सरगुजा
7. अभिषेक जायसवाल पिता बृजनंदन जायसवाल उम्र 22 वर्ष सा. चांदनी बिहारपुर थाना चांदनी बिहारपुर जिला सूरजपुर
8. दीपक कुमार यादव पिता हृदयानंद यादव उम्र 26 वर्ष सा. पेटामारा थाना तुमला जिला जशपुर
आरोपियों के कब्जे से निम्नलिखित चीजें जब्त की गईं:
* 03 लैपटॉप
* 23 एंड्रॉइड मोबाइल फोन
* 18 निष्क्रिय सिम कार्ड
* 46 एटीएम कार्ड
* 09 बैंक पासबुक
* 04 चेकबुक
* वाईफाई सेट
* घटना में प्रयुक्त महिंद्रा थार वाहन (क्रमांक सीजी 13 एटी 7722), जिसकी अनुमानित कीमत 30 लाख रुपये है।
इसके अतिरिक्त, आरोपियों के कब्जे से लगभग 1.50 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं और उनके बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया जारी है।
जब्त किए गए लैपटॉप और मोबाइल फोन की प्रारंभिक जांच में सैकड़ों बैंक खातों के माध्यम से लगभग 4 करोड़ रुपये के अनियमित और अवैध लेनदेन के सबूत मिले हैं। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और इस गिरोह से जुड़े अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
यह कार्रवाई बलरामपुर पुलिस और साइबर सेल की एक महत्वपूर्ण सफलता है, जो क्षेत्र में साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने में मददगार साबित होगी। पुलिस अधीक्षक बलरामपुर ने इस सफल ऑपरेशन में शामिल सभी पुलिसकर्मियों की सराहना की है।






