सूरजपुर

लड़कियां बालिग हैं , शैक्षिक दस्तावेज दिमक खा गए कभी कहा गया दोनों लड़कियों की एक ही लड़के से हो रही है शादी …नहीं काम आई घर वालों की होशियारी आधी रात मे रोका गया बाल विवाह, बारात को लौटना पड़ा खाली हाथ,जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा दो दिन में रोके गये 4 बाल विवाह

दो बालिका को रेस्क्यू कर लाया गया सखी वन स्टाप सेंटर


सूरजपुर । ग्रामीण भी महिला एवं बाल विकास विभाग की परीक्षा लेने में कोई कोर कसर नही छोड रहे हैं दरअसल रात्रि 9 बजे एक ग्रामीण द्वारा सूचना दी गई की भटगांव थाना अन्तर्गत एक गांव में एक नाबालिग लड़की का विवाह हो रहा है साथ ही उसी मंडप में छोटी बहन का भी विवाह करने की तैयारी की जा रही है जो 8 वीं कक्षा में पढ रही है जानकारी प्राप्त होने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी को इसकी जानकारी दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू द्वारा संयुक्त टीम बना कर तत्काल विवाह रोकने का निर्देश प्राप्त हुआ। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में संयुक्त टीम 11 बजे मौके पर पहुंची। पंचायत चुनाव के कारण पुलिस बल भी ज्यादा नहीं मिला, घर के दरवाजे पर बारात लग गई थी और डीजे में बाराती नाच रहे थे। घर में मेहमानो की भीड लगी हुई थी। घर पर टीम के पहुचने पर घराती और बाराती सभी आंगन मे इकट्ठे हो गये थे। बडी बहन को टीम के सामने प्रस्तुत किया गया। शैक्षणिक दस्तावेज मांगने पर बताया गया कि बालिका नही पढी है। फिर बताया गया कि सभी दस्तावेज को दीमक चट कर गया है। रात्रि में बीईओ भैयाथान से बात कर प्राथमिक शाला के शिक्षक को स्कूल खुलवा कर दस्तावेज मांगने पर पता चला कि दोनो लडकीयाँ उसी स्कूल में पढी है एक 16 वर्ष की है तो दूसरी 15 वर्ष भी नही है छोटी लडकी को बुलाने को बोलने पर बताये की वह घर पर नही है टीम द्वारा समझाईस देने पर लडकी को प्रस्तुत किया गया । दोनो से अलग-अलग पूछ ताछ में दोनो लड़कियां एक ही लडके के साथ विवाह की बात करने लगे। टीम को बरगलाने की कोशिश के दौरान उनके हाथ में मेंहदी लगा पाया गया जिसमें लडके का नाम था दोनो के हाथ देखने पर अलग अलग लडको के नाम थे तब जाकर उन्होने दोनो के विवाह करने को स्वीकार किया । सभी शराब के नशे में थे। लडकीयों को छोडने पर बाल विवाह की सम्भावना पुरी थी। दूल्हे और बारातीयों को बुलाने पर दुल्हे समेत सभी बाराती गाडी, डीजे लेकर भाग खड़े हुए। घर वाले लडकियों के विवाह को आमादा थे। तब लडकीयों को सखी ले जाने का पंचनामा तैयार किया गया। लडकीयों जाने को तैयार नही थी। थाने में रिर्पाेट करने और सभी पर कार्यवाही हो जाने की बात पर वे टीम के साथ आये महिला कर्मचारीयों के द्वारा बच्चियों को सुरक्षित सखी वन स्टाप सेन्टर में रखा गया। मामले में संयुक्त टीम को काफी जद्दोजहद का सामना करना पडा मुश्किल से उक्त बाल विवाह को देर रात्री 2 बजे रोका जा सका।
वही दूसरे दिन सूचना प्राप्त हुई की रामानुजनगर थाना अंतर्गत एवं ओडगी विकासखण्ड के एक गाम में नाबालिक का विवाह होने जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देश पर दोनो जगह संयुक्त टीम रवाना हुई। रामानुजनगर गई टीम ने गांव मे जाकर समझाइश दी और बाल विवाह रोकवाया, वहीं दुरस्त ओडगी के ग्राम में भी एक 17 वर्षीय लडकी का बाल विवाह समझाईस देकर रोका गया। बाल विवाह रोकवाने वालो में जिला बाल संरक्षण अधिकारी श


मनोज जायसवाल, परियोजना अधिकारी जागेश्वर साहू, संरपंच सरईपारा विजय सिंह, जिला बाल संरक्षण ईकाई से अखिलेश सिंह प्रियंका सिंह, जैनेन्द्र दुबे, श्रीमती अंजनी साहू, सखी वन स्टॉप सेन्टर से श्रीमती साबरीन फातिमा, चाईल्ड लाईन से कार्तिक मजूमदार, कुमारी शीतल सिंह, प्रकाश राजवाडे, दिनेश यादव, रमेश साहू, पवन धीवर, पर्यवेक्षक भैयाथान तन्द्रा चौधरी, पर्यवेक्षक रामानुजनगर श्रीमती भारती पटेल, श्रीमती मांनकुवर, देवकली ओडगी पर्यवेक्षक श्रीमती ज्योति, श्रीमती अन्नु ठाकुर, सत्यवती थाना प्रभारी ओडगी फर्दीनन्द कुजुर, प्रधान आरक्षक दीपक सिंह आ.रक्षक अमरेन्द्र दुबे महिला आरक्षक जान कुंवर सिंह, आरक्षक कौशलन्द्र सिंह, रोहित राजवाडे, आ0बा0 कार्यकर्ता एवं ग्रामीण उपस्थित थे।

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