लखनपुर

लखनपुर वन परिक्षेत्र में पेड़ों की कटाई जोरों पर, पेड़ कटाई पर अंकुश लगाने वन विभाग हुआ नाकाम , वनरक्षक आवास खंडहर में तब्दील

लखनपुर वनपरिक्षेत्र में इन दिनों लकड़ी तस्करों और ग्रामीणों के द्वारा बेखौफ होकर पेड़ों की कटाई कर रात के अंधेरे में पिकप मोटरसाइकिल सहित अन्य वाहनों से लड़कियों का परिवहन कर जिले के लकड़ी मिल और निर्माणधिन मकान में खापाया जा रहा है। और मोटी कमाई की जा रही है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण कब्जे के नियत से सैकड़ों पेड़ों की कटाई कर अवैध रूप से वन भूमि पर अतिक्रमण कर रहे है। जिस प्रकार से जंगलों में पेड़ों की कटाई कर अतिक्रमण किया जा रहा कहीं ना कहीं वन विभाग के आला अधिकारियों की लापरवाही नजर आ रही है। सूत्रों की माने तो वनकर्मि स्थानीय ग्रामीणों से पैसे लेकर वन भूमि पर कब्जा दिलाने का खेल कर रहे है। वन विभाग कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खाना पूर्ति कर पी ओ आर की कार्रवाई की जाती है। जबकि वन विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि वन भूमियों को अतिक्रमण मुक्त कराकर वृक्षारोपण करना चाहिए परंतु ठीक इसके उलट कार्य वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा कार्य जा रहा है। बड़े बड़े जंगलों में पेड़ों की कटाई पर अंकुश लगाने में वन विभाग नाकाम नजर आ रही है। लखनपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत कटिंदा सर्कल के आमापानी, बेंदोंपानी, चुराइल घोड़गा, बीड़ा पखना, महुआ भवना, लाल बोदर, रपटा पानी,सागौन प्लांटेशन,घंटा दुगु सहित अन्य वन परीक्षेत्र क् में बड़ी संख्या में ग्रामीणों और तस्करों द्वारा आधुनिक मशीनों से विशालकाय पेड़ों की कटाई का रात के अंधेरे में वाहनों में लकड़ी की तस्करी कर रहे हैं।साथ ही जंगलों में पेड़ों की कटाई के बाद ग्रामीणों के द्वारा कब्जा भी किया जा रहा है वन भूमि में पेड़ों की कटाई और अतिक्रमण पर अंकुश लगाने वन विभाग नाकाम है। लखनपुर वन परिक्षेत्र में स्थित बड़े-बड़े जंगल आज टूट में तब्दील हो चुके हैं और वन भूमियों पर ग्रामीणों के द्वारा कब्जा कर मकान बना लिया जा रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि वन विभाग पेड़ों की कटाई और जंगलों की भूमि पर अतिक्रमण पर किस प्रकार अंकुश लगा पाती है या फिर यह सिलसिला जारी रहेगा। फिलहाल वन विभाग की टीम कोई सार्थक कदम नहीं उठाया पाया है।

“”””””रेंजर संहित सर्कल प्रभारी जिले में करते हैं निवास “”””

लखनपुर वन परिक्षेत्राधिकार मेरी लिली लकड़ा सहित क्षेत्रों के सर्किल प्रभारी ब्लॉक मुख्यालय में निवास न करके जिला मुख्यालय में निवास करते हैं। जबकि शासन की ओर से लाखों रुपए खर्च करके अधिकारियों और रोमन कर्मियों के निवास हेतु मकान का बंदोबस्त किया गया है।फिर भी यह ब्लॉक मुख्यालय छोड़ जिला मुख्यालय में निवास करते हैं। अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि निचले वनकर्मी फील्ड में कितना कार्य करते होंगे। इसीलिए तो आज बड़े-बड़े जंगल ठूंठ में तब्दील होते जा रहे हैं।

“””वनरक्षक आवास खंडहर में तब्दील “”””

लखनपुर वन पर क्षेत्र अंतर्गत कटिंदा सर्कल, रेमहला,अर्गोटी सर्कल सहित अन्य स्थानों में वनरक्षक आवास खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं क्योंकि इन आवासों में वन कर्मचारी निवास नहीं करते हैं।

“”””””रेंजर मेरी लिली लकड़ा “”””

इस संबंध में लखनपुर वन परीक्षेत्र अधिकारी मेरी लिली लकड़ा से फोन से संपर्क करना चाहा परंतु उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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