5G के खिलाफ जूही चावला की याचिका खारिज, लगा 20 लाख का जुर्माना..क्या सिर्फ देशी कंपनियों को 5G ट्रायल का मौका देने से नाराज हैं चीनी दूरसंचार कंपनियां ?
बॉलीवुड एक्ट्रेस जूही चावला ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके 5G टेक्नोलॉजी को रुकवाने की मांग की थी, हालाँकि दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए जूही चावला पर याचिकाकर्ताओं पर 20 लाख रूपये का जुर्माना ठोंक दिया। कोर्ट ने कहा कि पूरी याचिका लीगल मे कोई तथ्य नहीं रखे गए। याचिकाकर्ता ने पब्लिसिटी के लिए अदालत का कीमती वक्त बर्बाद किया। कोर्ट ने जूही चावला को एक सप्ताह के भीतर 20 लाख रूपये जमा करने का निर्देश दिया है।
जूही चावला द्वारा 5G के खिलाफ याचिका दायर करने के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, सवाल यह उठता है कि आखिर कौन चाहता है कि देश में 5G न आए? क्यों मोबाइल टॉवरों को नुकसान पहुंचाया जाता है? क्यों कोरोना से 5G ट्रायल को जोड़ कर सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जाती हैं? क्या इस सबका रिश्ता इस बात से भी है कि कुछ विदेशी कंपनियां ट्रायल से बाहर हैं?
ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि क्या जूही चावला ने चीन के इशारे पर 5G के खिलाफ याचिका दायर की थी, बता दें कि भारत में 5G की टेस्टिंग शुरू हो गई है, Airtel, Jio, Vodafone Idea और MTNL को 5G परीक्षण शुरू करने की अनुमति दी गई है, एयरटेल ने हैदराबाद में कमर्शियल नेटवर्क पर 5G सर्विस का परीक्षण सफलतापूर्वक किया है। जबकि रिलायंस जियो ने पुष्टि की है कि वे एक स्वदेशी 5 जी नेटवर्क का निर्माण करेंगे। चीनी कंपनियों को 5G की टेस्टिंग से दूर रखा गया है. यानि हुवेई और अन्य चीनी दूरसंचार उपकरण कंपनियां इसमें भाग नहीं ले सकेंगी। कुछ लोगों को यही बात कचोट रही है कि आखिर चीनी कंपनियों को बाहर क्यों रखा गया. शायद इसीलिए 5G के खिलाफ तमाम हथकंडे अपना रहे हैं, भारत में 5G परीक्षण रुकवाने के लिए साजिश के तहत इसे कोरोना से जोड़कर बड़े पैमाने पर अफवाह भी फैलाई गई, लेकिन ये अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हुए.
इससे पहले सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जे आर मिधा की पीठ ने 2 जून को मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने कहा था कि जूही चावला दोषपूर्ण हैं और ये याचिका सिर्फ मीडिया पब्लिसिटी के लिए दायर की गई। पीठ ने जूही ये भी पूछा था कि उन्होंने इस मामले में पहले सरकार के पास जाने के बजाय याचिका कोर्ट में क्यों दायर की गई। उन्होंने सीधे अदालत का रुख करने पर भी सवाल उठाए थे।
उच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसे मुकदमे को सिर्फ पब्लिसिटी के लिए दायर किए जाते हैं। दरअसल जूही चावला ने सुनवाई का लिंक भी सोशल मीडिया पर साझा किया था। जूही की याचिका पर फैसला देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इनकी याचिका में सिर्फ कुछ ही ऐसी जानकारी है जो सही है, बाकी सिर्फ कयास लगाए गए हैं और संशय पर आधारित हैं।