राष्ट्रीय

कोरोना की तीसरी लहर अवश्य ही आएगी ऐसा कह कर केंद्र सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन पर यह कहा

भारत में कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। इस बीच देश में तीसरी लहर को लेकर भी चेतावनी जारी की गई है। केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन का कहना है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राघवन ने कहा, वायरस का अधिक मात्रा में सकुर्लेशन हो रहा है और तीसरी लहर भी आएगी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह कब आएगी और किस स्तर की होगी। हमें नई (तीसरी) लहर के लिए तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नए स्ट्रेन से निपटने के लिए अपग्रेडेशन के लिए कोविड-19 वैक्सीन की नियमित निगरानी की आवश्यकता है। 

वैज्ञानिक सलाहकार ने यह भी कहा कि वायरस के स्ट्रेन पहले स्ट्रेन की तरह फैल रहे हैं। इनमें नई तरह के संक्रमण का गुण नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वेरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन प्रभावी हैं। देश और दुनिया में नए वेरिएंट्स आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एक लहर के खत्म होने के बाद सावधानी में कमी आने से वायरस को फिर से फैलने का मौका मिलता है। 
विजयराघवन ने इस बात पर भी जोर दिया कि वर्तमान में उपलब्ध टीके मौजूदा वेरिएंट के मुकाबले प्रभावी हैं। उन्होंने कहा कि भारत और दुनिया भर में वैज्ञानिक नए वेरिएंट्स का पूवार्नुमान लगाने और जल्दी चेतावनी और तेजी से संशोधित टूल विकसित करके उनके खिलाफ काम कर रहे हैं। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में पहले की तुलना में कोरोना संक्रमण के मामलों की रफ्तार 2.4 प्रतिशत तेजी से बढ़ी है। 
संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य) लव अग्रवाल ने कहा, 12 राज्यों में एक लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं, सात राज्यों में 50,000 से एक लाख सक्रिय मामले हैं और 17 राज्यों में 50,000 से कम सक्रिय मामले हैं। महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में 1.5 लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं। अग्रवाल ने कहा कि 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 15 प्रतिशत से अधिक जबकि 10 राज्यों में 25 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट है। महाराष्ट्र में पॉजिटिविटी रेट 24 प्रतिशत है। 

देशव्यापी लॉकडाउन पर केंद्र ने दिए बड़े संकेत

देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जाहिर करने के बीच केंद्र सरकार ने इसकी भयानकता को देखते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन पर बहुत बड़ी बात कह दी है। नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कहा है, ‘संक्रमण बढ़ता है तो चेन ऑफ ट्रांसमिशन को रोकने के लिए पाबंदियों को भी बीच में लाया जाता है। लोगों को संपर्क में आने से रोका जाना चाहिए। इस संबंध में 29 अप्रैल को डिटेल गाइडलाइन जारी की गई है। जिन इलाकों में टेस्ट पॉजिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है या बेड ऑक्यूपेंसी 60 फीसदी से ज्यादा हैं, वहां के लिए पूरी तरह से स्पष्ट रूप से स्टेट को नाइट कर्फ्यू की एडवाइजरी है। राज्यों को फैसला करना है। इसके अलावा सभी तरह की भीड़ जुटाने पर बैन है (राजनीतिक, सांस्कृतिक, खेल, धार्मिक )। राज्यों को स्थानीय हालात का पूरा नजदीकी विश्लेषण करना है और उसी आधार पर फैसले लेने हैं। केंद्र की ओर से पूरी तरह से स्पष्ट एडवाइजरी दी जा चुकी है; और इस आधार पर राज्य फैसले ले भी रहे हैं, जिसकी हम सराहना करते हैं।’ जब कोविड के संक्रमण को रोकने के लिए उनसे देशव्यापी लॉकडाउन के बारे में पूछा गया तो वो बोले- ‘इन पाबंदियों के अलावा क्या कोई और विकल्प है तो इसपर लगातार चर्चा होती है और जैसी भी आवश्यकता होगी उसी हिसाब से फैसले लिए जाएंगे। लेकिन, इस दौरान राज्यों को संक्रमण रोकने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश मिले हुए हैं। ‘

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button