छत्तीसगढ़

शादी विवाह सहित सार्वजनिक कार्यक्रमों में 50 लोगों की सीमा निर्धारित..सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक.. राजनांदगांव दुर्ग एवं कबीरधाम जिलों से आने वाले लोगों को 7 दिन होम क्वॉरेंटाइन करने.. जनप्रतिनिधियों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित करने सहित अन्य सख्त आदेश ..सभी कलेक्टरों व एसपी को पत्र

रायपुर। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए 23 मार्च को राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने सभी सचिव, कलेक्टर और एसपी को एक पत्र जारी किया है इस पत्र में 23 मार्च को हुई समीक्षा बैठक की कार्यवाही का जिक्र करते हुए अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षको को लिखा है कि उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि. राज्य में बढ़ रहे कोरोना के प्रभाव को देखते हुए दिनांक 23 मार्च को राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान लिये गये निर्णय एवं की जाने वाली कार्यवाही बाबत निर्देश संलग्न कर तत्काल पालन हेतु प्रेषित है। कृपया अपने अधीनस्थ कार्यालयों को पालन हेतु प्रसारित करने का कष्ट करे:-

1- होली मिलन का कार्यक्रम सार्वजनिक उत्सव के रूप में न करते हुए अपितु घरों में किया जाए। सार्वजनिक कार्यक्रमों को नही किये जाने की अनुमति न दी जाए।

2-समस्त प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम, धार्मिक सांस्कृतिक, राजनैतिक, खेलकूद कार्यक्रम नहीं करने हेतु निर्देश जारी किये जावे।

3- व्यक्तिगत/ एकल रूप से धार्मिक संस्थाओं में प्रवेश किया जा सकता है, परंतु किसी भी प्रकार का सामुहिक कार्यक्रम नही किया जाये।

4-मेलों एवं समारोह का आयोजन नही किया जाये।विवाह एवं सार्वजनिक कार्यक्रम में अत्यधिक भीड़-भाड़ एकत्रित न की जावे। अधिकतम 50 लोगों की सीमा निर्धारित की जावे।

5-उपरोक्त कडिका 2 एवं 3 में वर्णित सार्वजनिक कार्यक्रम की अनुमति नही दिया जावे, साथ में किसी भी संस्था अथवा खुली जगह अथवा बाजार में किसी भी कारण से भीड-भाड की स्थिति निर्मित न हो इसके लिए विधि अनुकूल प्रतिबंधित किया जाये अथवा रोक लगाई जाये।

5-जिलो में धारा-144 लगाने की कार्यवाही की जा सकती है। होटल, रेस्टोरेंट, आदि में बैठ कर भोजन ग्रहण करने के बजाय होटल से खाना (takeaway) घर ले जाने हेतु प्रोत्साहित किया जाये। पर्यटक स्थल के भ्रमण पर प्रतिबंध लगाया जाये।

6-मास्क न लगाने पर जुर्माना 200/- के स्थान पर 500/- बढाया जाना होगा, एवं इसका सख्ती से पालन कराया जाना चाहिए।

7-मंत्रीगण, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी कर्मचारियों से अनुरोध किया जाए कि वे मारक अनिवार्य रूप से लगायेंगे तो आमजन भी मास्क लगाने के प्रति जागरूक होंगे।

8-टीकाकरण केन्द्रों को बढ़ाया जाना चाहिए।
टीकाकरण हेतु अधिक प्रकरण एवं अधिक धनात्मकता वाले जिला एवं क्षेत्रों को यथा संभव प्राथमिकता दें।
एयरपोर्ट, रेल्वे, एयरलाईन्स स्टाफ, बैंक पोस्ट ऑफिस एवं ऐसे दैनिक गतिविधि वाले व्यक्ति जो अधिक से अधिक लोगों के संपर्क में आते है, आवश्यक सेवा प्रदाता/ आपातकालीन सेवा प्रदाय करने वाले (यथा दूध, सब्जी, राशन, पेट्रोल आदि सेवा प्रदाता) व्यक्तियों / कर्मचारियों को चिन्हांकित कर टीकाकरण हेतु प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
ऐसे व्यक्ति जो सर्वाधिक संक्रमण फैलाते हैं, का टीकाकरण अनिवार्य रूप से किया जावे।

9- सार्वजनिक स्थलों, सिनेमा हॉल एवं मॉल्स में आने-जाने वालों की दैनिक जांच की जावे एवं कोविड गाईडलाईन का पालन कराया जाना सुनिश्चित की जाये। सड़क किनारे ठेलेवाले, छोटी दुकान (जहां एक ही कर्मचारी कार्य कर रहा हो), आदि इस तरह के लोगों की अनिवार्य रूप से जांच की जावे एवं यथासंभव टीकाकरण कराया जावे।

10-कोविड से बचाव के संबंध में प्रचार -प्रसार (IEC), करते हुए कोविड जांच एवं कोविड टीकाकरण के संबंध में सतत् प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है साथ ही सफाई वाहन, पेट्रोलिंग वाहन, चौक में स्थापित ट्रैफिक सिग्नल के माध्यम से टीकाकरण के संबंध में प्रचार-प्रसार किया जाये।

11- राज्य के ऐसे गणमान्य व्यक्ति जिन्होने कोविड टीकाकरण करवाया है, उनसे उनका अनुभव प्राप्त कर विभिन्न संचार माध्यमों से कोविड टीकाकरण हेतु आमजन को प्रोत्साहित करने के संबंध में प्रचार- प्रसार की व्यवस्था संचालक, स्वास्थ्य सेवाये, छत्तीसगढ़ संचालक जनसंपर्क के साथ समन्वय स्थापित कर सुनिश्चित करें।

12-एयरपोर्ट, रेल्वे, बस स्टैण्ड पर चेकिंग तथा ट्रेसिंग किया जाए लक्षण पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को होम आईसोलेशन में रहने की सख्त समझाईश दी जाये।

13-राज्य के पश्चिमी सीमा से लगे राज्यों (यथा-राजनांदगांव, दुर्ग, कबीरधाम, आदि) से आने वाले समस्त व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग कर 7 दिवस होम-क्वारंटीन की सलाह दें। भविष्य में कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए आवश्यक जानकारी रखी जावे। जांच उपरांत ही राज्य में प्रवेश दिया जाये।

14-कोविड मरीजों के ईलाज हेतु समस्त शासकीय एवं निजी चिकित्सालय / कोविड केयर सेंटर में बेड की उपलब्धता सुनिश्चित किया जावे। पूर्व में चिन्हित कोविड केयर सेंटरों को पुनः संचालित करने हेतु जिला स्तर पर आवश्यक कार्यवाही तत्काल की जाये । सामान्य लक्षण वाले कोविड मरीजों को होम आईसोलेशन में रखने हेतु निर्देशित किया जाये।

15- कोविड की जांच गति अथवा जांच की प्रवृत्ति में किसी भी प्रकार का बदलाव की आवश्यकता प्रतीत नहीं हो रही है।
16- जहां ज्यादा केस निकल रहे हैं, वहां पर कंटेनमेन्ट जोन बना कर कोविड नियंत्रण की कार्यवाही की जावें।
17- कोविड ड्यूटी में अत्यधिक कार्य होने के कारण पुलिसकर्मी एवं अन्य तैनातकर्मी की ड्यूटी रोटेशन में लगाने पर जिला प्रशासन विचार करे।

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