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लोकगीत गायिका ममता चंद्राकर के हाथो मिला कवियत्री स्नेहलता को संमान पत्र

रायपुर।  राजधानी रायपुर में अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती द्वारा गीत लेखन आवासीय कार्यशाला दो दिवसीय 13-14फरवरी को आयोजित की गई।
जिसमें छत्तीसगढ़ के सात जिलों से कवि व गीतकारों पहुॅंचे। चूॅंकि
एक लिमिटेशन के तहत20लोगों को ही
जाना था।
जिसमें सीतापुर सरगुजा जिले की शिक्षिका व कवियत्री श्रीमती स्नेहलता टोप्पो मा.शा. आदर्शनगर को शामिल होने सुअवसर प्राप्त हुआ. इस कार्यशाला में जहॉं रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके परम आदरणीय डॉक्टर चितरंजन कर, संस्कार भारती के प्रांतिय अध्यक्ष अशोक चंद्राकर जी जो फिल्मों के गीतकार भी हैं और साथ ही जुड़ावन सिंह ठाकुर जो छत्तीसगढ़ी फिल्मों के गीतकार हैं के मुख्य आतिथ्य में शानदार कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।जिसका संचालन कोरबा के व्याख्याता  विश्वनाथ कश्यप ने किया। बिलासपुर से आठ साहित्यकार,कोरबा से
दो साहित्यकार,चांपा से एक, सीतापुर से एक, अंबिकापुर से एक, मुंगेली से एक,दुर्ग से एक,और रायपुर से पांच और मैं रायगढ़ से। हर सत्र में अलग अलग विशेषज्ञों का मार्गदर्शन और सानिध्य प्राप्त हुआ और फिर खैरागढ़ संगीत महाविद्यालय की कुलपति पद्ममश्री
छत्तीसगढ़ की प्रमुख लोक गायिका ममता चंद्राकर  के कर कमलों से सभी कवि व कवियत्रियों को संमानपत्र प्राप्त हुआ.
इस असर पर सभी को गीत प्रस्तुति का अवसर मिला. सीतापुर सरगुजा जिले से पधारी कवियत्री स्नेहलता ने ओजवाणी में देशभक्ति गीत में सैनिकों के मर्म को व्यक्त किया.जिसे सुनकर सभी की आँखें नम हो गई यहां तक की कवियत्री के दृगजल छलक भी पड़े. गीतकार
चितरंजन कर समेत सभी ने स्नेहलता के काव्यपाठ ,गीत के शिल्प,बिंब व प्रतीक प्रयोग की भूरि-भूरि प्रशंषा की

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