भूमि सुधार के साथ पंजीयन तो हुआ पर रकबा शून्य कर्ज अदायगी व धान विक्रय को लेकर किसान परेशान,कलेक्टर से लगाई गुहार…

भैयाथान (लालचंद शर्मा) :- विकास खंड के ग्राम पंचायत बड़सरा के एक किसान का पुस्तैनी भूमि विभागीय त्रुटि से शासकीय मद मे दर्ज हो गया था जिसे राजस्व विभाग के द्वारा समय रहते सुधार कर दिया गया साथ ही खाद्य विभाग के द्वारा पंजीयन का भी सुधार कर दिया गया पर रकबा अभी भी शून्य है जिसके कारण किसान धान नही बेच पा रहा है। समिति में धान विक्रय करने का समय कुछ ही दिन बाकी है जिससे यह प्रश्न खड़ा होना लाजमी है की आखिर अब कब किसान का रकबा सुधरेगा और वह धान बेचेगा ? जबकि शिवप्रसाद नगर धान उपार्जन केंद्र से यह किसान 55660 रुपए का ऋणी है अगर धान नहीं बेचा तो कर्ज का अदायगी कैसे होगा जिसे लेकर किसान बहुत ही चिंतित है।
गौरतलब है कि विकासखंड भैयाथान के ग्राम पंचायत बड़सरा निवासी मनमोहन गुप्ता का कुल रकबा 2.11 हेक्टेयर भूमि पटवारी हल्का नंबर 04 के राजस्व ग्राम बसकर मे स्थित है पर तमाम कोशिशों के बाद भी विभागीय त्रुटि के कारण इस वित्तीय वर्ष मे किसान अपना धान खरीदी केन्द्र मे नही बेच पा रहा है किसान ने धान क्रय कराये जाने को लेकर विगत गुरुवार को कलेक्टर रणबीर शर्मा से गुहार लगाई है ,सौपे गये आवेदन मे किसान ने कलेक्टर को बताया है कि प्रार्थी ने किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण लेकर धान का फसल लगाया था धान विक्रय हेतू किसान धान खरीदी केन्द्र में टोकन के लिए गया तो आजाक सहकारी समिति शिवप्रसाद नगर ने पंजीयन तो सुधर गया है लेकिन रकबा शुन्य है इसलिए धान खरीदी नही की जा सकती। धान विक्रय नही हो पाने से किसान को आर्थिक क्षति हो रही है वही समिति से लिए गए किसानी कर्ज की राशि 55,666 रुपये को अदायगी करने किसान को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे किसान चिंतित है। बहरहाल किसान ने जिले के कलेक्टर सहित संबंधित विभागीय अधिकारियों को लिखित आवेदन पत्र देकर धान खरीदी समयावधि में समस्या के समाधान की गुहार लगाई है।
धान नही बिका तो जिम्मेदार कौन?
किसान मनमोहन गुप्ता बताते हैं कि सर्वप्रथम मेरी पुश्तैनी भूमि शासकीय मद में दर्ज हो गई। फिर पंजीयन विलोपित हो गया दोनों को किसी तरह सुधरवा पाया तो अब रकबा शून्य हो गया। अब पेच रकबे मे फस गया इस कारण मै अपना धान नही बेच पा रहा हूं लगता है इस वर्ष मैं धान नही बेच पाउंगा और धान नहीं बेचा तो समिति से लिया हुआ कर्ज को कैसे पटाउंगा। मैं तो तीन माह से परेशान हूं।
आखिर सिलसिलेवार विभागीय त्रुटि का जिम्मेदार कौन??