अम्बिकापुर

उपलब्धि: किसानी एवं मजदूरी करने वाले की बेटी बनेगी डॉक्टर.. अंबिकापुर के सकालो की प्रिया ने NEET में मारी बाजी

अम्बिकापुर /  सरगुजा के ग्रामीण क्षेत्रों से भी अब गुदड़ी के लाल निकल रहे हैं। इसकी मिसाल पेश की है साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली कुमारी प्रिया पैकरा ने जो प्रयास आवासीय विद्यालय अम्बिकापुर के शिक्षको के मार्गदर्शन तथा जिला प्रशासन के सहयोग से नीट 2020 परीक्षा में सफलता प्राप्त कर डॉक्टर बनने का मार्ग प्रशस्त की है। प्रिया पैकरा ने प्रयास आवासीय विद्यालय से नीट की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले अनुसूचित जनजाति वर्ग में पहला तथा सभी वर्गों में दूसरा स्थान प्राप्त की है। प्रिया पैकरा ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, प्रयास विद्यालय के शिक्षको के मार्गदर्शन तथा जिला प्रशासन के सहयोग को दिया हैं।
अंबिकापुर विकासखंड के ग्राम सकालो निवासी प्रिया पैकरा शुरू से ही मेधावी रही है। प्रिय पैकरा ने बताया कि पिता राकेश पैकरा कृषक है तथा कृषि एवं मजदूरी से परिवार का भरण पोषण करते है और माता श्रीमती प्रमिला गृहणी है। तीन बहनों में प्रिया सबसे बड़ी है। उससे छोटी कक्षा 11वी मल्टी पर्पज अम्बिकापुर तथा सबसे छोटी बहन कक्षा 9वी में अध्ययनरत है। प्रिया पैकरा ने बताया कि प्रयास आवासीय विद्यालय अम्बिकापुर में अध्ययन कर इस वर्ष कक्षा 12वी की परीक्षा 89.9 प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण की वही मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में 316 अंक के साथ क्वालीफाइ किया। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते विद्यालय बंद हो जाने से कोचिंग में असुविधा हुई किंतु प्रयास के शिक्षकों के द्वारा लगातार ऑनलाईन माध्यम से मार्गदर्शन देते रहे तथा समस्याओं का समाधान भी किए।

कलेक्टर संजीव कुमार झा ने सुश्री प्रिया पैकरा के मेधावी होने और डॉक्टर बनने की प्रबल ईच्छा को दृष्टिगत रखते हुए नीट की तैयारी में मदद हो सके इसके लिए आदिवासी विभाग के अधिकारियों को लैपटॉप देने के निर्देश दिए थे। कुछ दिनों बाद प्रभारी मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया का अम्बिकापुर आगमन होने पर उनके हाथों से प्रिया को लैपटॉप प्रदान किया गया था।
आज के कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में मेडिकल और इंजीनियरिंग के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश के लिए महंगे कोचिंग का सहारा आवश्यक हो गया है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के कम आय वाले परिवार के विद्यार्थियों का इन परीक्षाओं में चयन मुश्किल है। लेकिन राज्य शासन द्वारा संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय के निःशुल्क भोजन, अध्ययन और कोचिंग की सुविधा से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के सपने पूरे हो रहे हैं।

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