छत्तीसगढ़

प्रदेश में अभी नहीं खुलेंगे स्कूल, वन विभाग का नाम बदला, राज्योत्सव पर बड़े कार्यक्रम नहीं होंगे आयोजित.. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक मे निर्णय

 शेख जाहिद,  हिंद शिखर न्यूज़ रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में मंत्री परिषद की बैठक आयोजित हुई। जिसमें तय किया गया है कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति को देख़ते हुए फिलहाल स्कूल नहीं खोले जाएंगे। इस बार राज्योत्सव पर बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। केवल राज्य अलंकरण समारोह होगा। वन विभाग का नाम बदलने का निर्णय लिया गया है। वन विभाग का नाम अब वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग किया गया है।

बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। छत्तीसगढ़ राज्य में शासकीय अथवा नैसर्गिक स्त्रोत से औद्योगिक प्रायोजन, ताप विद्युत तथा जल विद्युत परियोजनाओं के लिए जल उपयोग हेतु 16 जनवरी 2020से प्रचलित जल दरों में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।     जिसके अनुसार भू-जल के औद्योगिक उपयोग हेतु निर्धारित जल दरों में 20 से 33 प्रतिशत तक की कमी किए जाने तथा भू-जल दरों पर प्राप्त जल कर की राशि पृथक से निर्मित किए जाने वाले भू-जल संरक्षण कोष में जमा की जाएगी। इस कोष का उपयोग भू-जल संवर्धन (रिचार्जिंग ) में किया जाएगा।      स्वनिर्मित स्त्रोत की श्रेणी जिसे औद्योगिक जल दर निर्धारण संबंधी अधिसूचना में विलोपित कर दिया गया था, को मंत्री परिषद द्वारा पुनःस्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही स्वनिर्मित स्त्रोत की श्रेणी हेतु प्रचलित दर, जो कि नैसर्गिक स्त्रोत जलदर 5 रूपए प्रति घन मीटर है को कम कर 3.50 रूपए प्रति घन मीटर किया गया।
– छत्तीसगढ राज्य औषधि पादप बोर्ड को पुर्नभाषित कर छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड के नाम से पुर्नगठित करने का निर्णय लिया गया।
-छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 में संशोधन (अपील एवं अन्य प्रावधान) प्रस्ताव  का अनुमोदन किया गया। इससे अतिशेष भूखंडों निरस्त भूखंडों एवं बंद पड़ी इकाईयों से भूखंड का आधिपत्य वापस प्राप्त कर नए आवेदकों को आबंटन किया जा सकेगा। अर्थात पट्टे पर आबंटित औद्योगिक भूमि का उपयोग न हो पाने के प्रकरणों में भूमि के हस्तांतरण को आसान किया गया है।
– औद्योगिक नीति 2019 -24 के तहत  बायोएथनाल हेतु एमओयू हस्ताक्षरित कर 6 माह के अंदर ईकाई के उत्पादन में आने पर विशेष अर्ली बर्ड इंशेटिव देने के प्रावधान किया गया था। मंत्री परिषद ने 6 माह के स्थान पर 18 माह के अंदर इकाई के उत्पादन में आना प्रतिस्थापित किए जाने का निर्णय लिया।  उद्योगों को लीज पर दी गई भूमि में उद्योग लगाने के लिए निर्धारित अवधि में एक वर्ष की वृद्धि की गई ।
– औद्योगिक नीति 2019-24 में सशोधन करने का अनुमोदन किया गया। औद्योगिक नीति 2019-24 में अनुसूचित जनजाति/जाति वर्ग तथा स्टार्टअप के लिए स्पेशल पैकेज घोषित किया गया है। उद्योगों को विस्तार /शवलीकरण के लिए अनुदान छूट एवं रियायतों की पत्रता का अनुमोदन किया गया। सूक्ष्म उद्योगों के साथ- साथ लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी स्थाई पूंजी निवेश अनुदान की सुविधा मिलेगी। कोर सेक्टर के उद्योगों को पूरे राज्य में विद्युत छूट की पात्रता दी गई है। – छत्तीसगढ़ राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत इस्पात (स्पांज आयरन एण्ड स्टील) क्षेत्र के मेगा/अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट में निवेश हेतु विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज देने का निर्णय लिया गया। मेगा निवेषकों के लिए घोषित किए गए पैकेज में अधितम 500 करोड़ रूपए तक का निवेष प्रोत्साहन (बस्तर संभाग हेतु 1000 करोड़ तक) मान्य होगा। प्रस्तावित इकाईयों के लिए 31 अक्टूबर 2024 को अथवा उसके पूर्व व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ करना जरूरी होगा। 100 करोड़ रूपए का स्थाई पूंजी निवेश मद में निवेश कर व्यावसायिक उत्पादन आरंभ करने वाली नवीन इकाईयों को आर्थिक निवेश प्रोत्साहन तभी प्राप्त होगा।
-छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन योजना की सभी चार योजनाएं 31 अक्टूबर 2024 तक लागू करने, राज्य स्तरीय अपीलीय फोरम के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।      कृषि आधारित ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य प्रसंस्करण मिशन में वन अधिकार अधिनियम पट्टाधारी एवं सामुदायिक तथा वन संसाधन अधिकार प्राप्त ग्रामों को विशेष प्राथमिकता दिए जाने का निर्णय लिया गया।    स्पंज आयरन एवं स्टील सेक्टर के उद्योगों के लिए विशेष पैकेज घोषित। क्षेत्रवार छूट 60 प्रतिशत से 150 प्रतिशत तक देय होगी।
– छत्तीसगढ़ शासन कार्य (आबंटन) नियम में संशोधन – वन विभाग का नाम संशोधित कर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
– अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण निधि- नियम 2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
– मुख्यमंत्री अधोसंरचना संधारण एवं उन्नयन प्राधिकरण का गठन एवं निधि नियम 2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इस प्राधिकरण के गठन का उद्देश शिक्षा स्वास्थ्य एवं आवागमन से संबंधित संरचनाओं के रख रखाव एवं उन्नययन संबंधी कार्यो के वित्त पोषण की पूर्ति है। प्रधिकरण संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को आवश्यक सलाह भी देगा। मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के दो उपाध्यक्ष होंगे जो विधायकगण में से नामांकित होंगे।  राज्य मंत्रीमंडल के समस्त मंत्रीगण, मुख्य सचिव, सचिव वित्त , सामान्य प्रशासन विभाग इसके सदस्य तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव /सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। राज्य शासन द्वारा इस प्राधिकरण में पांच सदस्य, माननीय विधायक /समाज सेवी व विशेषज्ञ वर्ग से लिए जाएंगे।
– छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कोरोना संकट काल को देखते हुए वृहद कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा, सिर्फ राज्य अलंकरण समारोह मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयेाजित होगा।
-यात्री वाहनों के माह सितंबर एवं अक्टूबर 2020 के देय मासिक कर में छूट शर्तों के अधीन दिए जाने का निणर्य लिया गया। अंतर्राज्यीय/ अखिल भारतीय पर्यटक परमिट तथा समस्त मंजिली यात्री वाहनों के सितंबर एवं अक्टूबर के देय मासिक कर में छूट तभी दी जाएगी। जिनके संचालकों द्वारा माह सितंबर के पूर्व अंतिम तीन माह के दौरान अपने प्रत्येक यात्री वाहनों के चालक, परिचालक हेल्पर को निर्धारित वेतन भत्ते का भुगतान किया हो अथवा उक्त भुगतान को माह दिसंबर तक अनिवार्य रूप से किए जाने का शपथ पत्र कराधान अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा।
– खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित को बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं से ऋणों पर शासकीय प्रत्याभूमि के पुर्नवैधानिकरण का अनुमोदन किया गया।
– सभी सामाजों की सामाजिक संस्थाओं को रियायती दर पर अधिकतम 5000 वर्ग फुट भूमि के आबंटन  के प्रावधान को संशोधित कर  अब 7500 वर्ग फुट तक कर दिया गया है। जिला कलेक्टर के स्तर पर ही भूमि आबंटन की कार्रवाई की जाएगी।
-छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण कार्यों के ठेकों में एकीकृत पंजीयन व्यवस्था के अंतर्गत नवीन ई श्रेणी का समावेश किए जाने का निर्णय लिया गया।
– राज्य शासन द्वारा स्टील उद्योग को प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में घोषित विशेष राहत पैकेज की वैधता जो 31 मार्च 2020 को समाप्त हो गई है, में वृद्धि एवं उर्जा प्रभार में छूट में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
– सौर उर्जा नीति 2017-27 में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। जिसके अनुसार एक किलोवाट या एक किलोवाट से अधिक क्षमता के रूफटाप सोलर पावर प्लांट को ग्रिड कनेक्टिीविटी की सुविधा उपलब्घ करायी जाएगी। इसी प्रकार राज्य द्वारा केप्टिव उपयोग अथवा राज्य के भीतर या राज्य के बाहर उपभोक्ताओं/लाइसेंसी को ओपन एक्सेस के तहत बिजली बेचने हेतु एक ही स्थल पर स्थापित होने वाले पाॅवर प्लांट हेतु न्यूनतम क्षमता 500 किलोवाट एवं अधिकतम क्षमता या एमएनआरआई द्वारा राष्ट्रीय सोलर नीति, समय-समय पर संशोधित में उल्लेखित अधिकतम क्षमता के अनुरूप रहेगी।
-राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते मंत्री परिषद ने यह निर्णय लिया कि स्कूल अभी पूर्ववत बंद रहेंगे।

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