रायपुर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजीद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि विभिन्न प्रदेशो से जिन कामगार व मजदूरों को प्रदेश में लाया जा रहा है, उन्हे 14 दिनो के लिए क्वारेंटाइन सेन्टर में रखने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है।
हर जिले के कुछ विकासखंडो मे 40 से 50 केंद्र है जहा प्रत्येक केंद्र में करीब 100 से 150 मजदूर के ठहरने की ब्यवस्था की गई है, साथ ही नगर व गांव में भी कवरेन्टीन सेंटर बनाया गया है।
इन जगहो पर सम्बंधित अनुविभागीय अधिकारी, अनुभाग के कर्मचारियो की सेवाएं ले रहे हैं जिनमे सैकड़ो शिक्षक भी है पर इनके सम्बंध मे कोई दिशा निर्देश नही है, क्यो,??
1. इनका रिस्क कवर कौन करेगा?
2. इन मजदूरो के बीच ये अपने आपको किस तरह सुरक्षित रखेंगे?
3. यदि ये भी संक्रमित हुए तो इनकी जवाबदारी कौन लेगा?
4. इनके भविष्य बीमा की क्या योजना है ?
5. क्या इन्हे भी स्वास्थ व पुलिस सेवा के कर्मियो की भांति सुविधाए मिलेंगी?
6. शिक्षक क्वारेंटाइन सेन्टर से वापस जब घर / अपने गांव या शहर लौटेंगे तो इनसे अन्य के संक्रमित होने का खतरा है अथवा नही?
7. इन सब सवालो का उत्तर ज़रुरी है अन्यथा सेवा के नाम पर हम फिर से नए खतरे को जन्म दे रहे हैं ?
अपेक्षा है, शासन व जिला प्रशासन स्वास्थ्य, पुलिस सेवा की भांति शिक्षको की सुरक्षा, स्वास्थ्य व जीवन मूल्य की रक्षा के लिए उचित कदम उठाएगी।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की मांग है कि शासन व प्रशासन द्वारा शिक्षको के लिए भी 50 लाख के बीमा का प्रावधान किया जाये।