गार्बेज कैफे बंद ..प्लास्टिक देकर स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेने वाले गरीब तबके के लोग प्रभावित
अंबिकापुर – देश का पहला गार्बेज कैफे (Garbage Cafe) छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में शुरू हुआ। इस कैफे में प्लास्टिक कचरे (Plastic Waste) के बदले खाना और नाश्ता दिया जाता था लेकिन वर्तमान में यह गार्बेज कैफे पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है कोरोना महामारी के दौरान बंद पड़ी कैफे पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है दरअसल छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने 9 अक्टूबर को अंबिकापुर में प्रतीक्षा बस स्टैंड स्थित गार्बेज कैफे का उद्घाटन किया। करीब 6 महीने संचालित होने के बाद कोरोना महामारी का दौर शुरू हो गया तब से लॉक डाउन चलता रहा इस बीच होटलों को नहीं खोलने के आदेश भी दिए गए जिसकी वजह से गार्बेज कैफे भी बंद हो गया और अब तक बंद होने से ऐसे लोग ज्यादा प्रभावित हुए हैं जो प्लास्टिक एकत्र कर भरपेट स्वादिष्ट भोजन का स्वाद ले पाते थे इस गार्बेज कैफे से गरीब तबके के लोगों को दो वक्त की रोटी नसीब होती थी पर कैफे बंद रहने से जरूरतमंदों को भोजन नहीं मिल पा रहा है हालांकि इस पूरे मामले में मेयर अजय तिर्की का कहना है कि कोरोना महामारी से देश संघर्ष कर रहा है जैसे ही सामान्य स्थिति होगी गार्बेज कैफे खोल दिया जाएगा।
डॉ अजय तिर्की मेयर अंबिकापुर नगर निगम