सरपंच के साथ वन कर्मियों द्वारा की गई मारपीट में नया मोड़….रात में ट्रैक्टर से वन भूमि में जुताई करा रहा था सरपंच…रोकने पर लगाया मारपीट का आरोप…स्थानीय विधायक वन भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले सरपंच के समर्थन में वन कर्मियों पर कार्यवाही करने हेतु पुलिस पर बना रहे हैं दबाव

रामानुजगंज:- वन मंडल बलरामपुर के वन परिक्षेत्र धमनी अंतर्गत ग्राम पंचायत बसेरा में वन भूमि में ट्रैक्टर से जुताई किए जाने के मामले में एक नया मोड़ आया है, एक तरफ वन विभाग द्वारा करवाई करते हुए ट्रेक्टर को जप्त कर राजसात की तैयारी की जा रही है तो वहीं दूसरे ओर रामानुजगंज के जनप्रतिनिधियों द्वारा पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाकर उल्टे वन कर्मचारीयों को ही झूठी प्रकरण में फंसाए जाने की साजिश रची जा रही है जिससे प्रताड़ित होकर वन कर्मचारी संघ ने अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतवनी दी है..
गौरतलब है क गत दिनांक 26 जुलाई को वन परिक्षेत्र धमनी के वन कर्मियों को सूचना मिली कि डिंडो बिट के ग्राम पंचायत बसेरा में कोई सख्श ट्रेक्टर से वन भूमि में जुताई कर रहा है सूचना मिलते ही धमनी रेंज के वन कर्मचारी सुरक्षाकर्मी के साथ बसेरा मौके पर पहुंचे जहां डिंडो बिट के ग्राम बसेरा स्थित कक्ष क्रमांक पी 847 वनखण्ड को किसी व्यक्ति द्वारा ट्रेक्टर से जोताई किया जा रहा था, वन अमले को आता देख ट्रेक्टर क्रमांक UP 64 S 2176 को वन भूमि में ही छोड़कर ड्राइवर फरार हो गया, परंतु मौके पर पहुंचे वन कर्मीयों ने ट्रेक्टर को जप्त कर लिया है, बताया जा रहा है कि ड्राइवर मौके से फरार हो गया था परंतु मौके पर बसेरा निवासी महेंद्र गुप्ता आत्मज जगदीस साव मौजूद था और ट्रेक्टर भी उसी का था वही रात्रि 11 बजे खड़ा होकर वन भूमि पर ट्रेक्टर से जुताई करवा रहा था.
सरपंच ने कहा मेरी पहुंच ऊपर तक है, सबको देख लूंगा
वन कर्मचारी संघ ने पुलिस अधीक्षक बलरामपुर को सौंपे ज्ञापन में कहा कि जब वन कर्मी मौके पर ट्रेक्टर को जप्त कर रहे थे तब बसेरा सरपंच 10-12 लोगों के साथ शराब के नशे में धुत होकर मौके पर पहुंचा वन कर्मचारियों से विवाद करते हुए कहा कि इस भूमि को मैं जोताई करवा रहा हूँ ट्रेक्टर को भी नहीं के जाने दूंगा क्या कर लोगे तुमलोग, मेरी पहुंच ऊपर तक है मैं सबको देख लूंगा.!
वन कर्मचारियों से हाथापाई में खुद गिरा सरपँच.
पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में वन कर्मचारी संघ ने ये भी बताया कि बसेरा सरपंच शराब के नशे में धुत था और वनकर्मियों से हाथापाई करते हुए खुद को संभाल न पाए और गिर गए जिसके कारण उनको हल्की चोट भी आई है, वन कर्मियों ने हाथ नहीं छोड़ा है बल्कि लगातार उन्हें समझाने का प्रयास किया है.!
अतिक्रमणकारी के समर्थन में आए जनप्रतिनिधि.
इधर वन विभाग जप्त किए गए ट्रेक्टर को राजसात की तैयारी में थी तो दूसरे तरफ राजनीति से जुड़े जनप्रतिनिधि द्वारा अतिक्रमणकारी को बचाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाकर वन कर्मियों को ही झूठे प्रकरण में फंसाने का साजिस रचा जाने लगा, संघ ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में बताया है कि रामानुजगंज के एक जनप्रतिनिधि ने पुलिस पर दबाव बनाकर वन कर्मचारियों पर धारा 307 का झूठा अपराध दर्ज कराना चाहती है जिससे वनकर्मचारी काफी भयभीत हैं, वन कर्मचारी संघ ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि अतिक्रमणकारी को रामानुजगंज के जनप्रतिनिधि का सह मिल रहा है जिससे वन भूमि पर अवैध कब्जा और अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है.!
ट्रेक्टर को छुड़ाने वन विभाग पर भी बनाया जा रहा दबाव.
संघ ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि रामानुजगंज के जनप्रतिनिधि ने पुलिस पर दबाव बनाकर वनकर्मचारी को फंसाने के साजिस रच रही है ताकि वन कर्मी दबाव में आकर जप्त किए गए ट्रेक्टर को छोड़ दें,
अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी.
वन कर्मचारी संघ ने पुलिस अधीक्षक बलरामपुर को सौंपे ज्ञापन में कहा कि दण्ड प्रकिया संहिता 1973 की धारा 197 के अंतर्गत वन कर्मचारियों को कर्तब्य निर्वाहन के दौरान संरक्षण प्रदान करती है, यदि ऐसी किन्हीं प्रकरणों में अनावश्यक रिपोर्ट ही जाने वे वन विभाग तथा पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संयुक्त जांच उपरांत ही गुण दोष के आधार पर करवाई किया जा सकता है, परंतु क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि के द्वारा अनावश्यक दबाव बनाकर झूठा प्रकरण दर्ज करवाकर वन कर्मचारियों को जेल भेजने की साजिस रची जा रही है, संघ ने चेतवनी दी है कि यदि बिना जांच के वन कर्मियों पर झूठा प्रकरण दर्ज हुआ तो 29 जुलाई से पूरे जिले में जगह जगह अनिश्चित कालीन आंदोलन किया जाएगा और आंदोलन अवधि में शासन प्रसासन की क्षति पूर्ति की जिम्मेदारी वन कर्मी की नहीं होगी..!
वन कर्मचारी संघ द्वारा पुलिस अधीक्षक को सौंपे गए ज्ञापन के बाद एक तरफ विभाग में भूचाल आया है तो दूसरे तरफ ये भी चर्चा का विषय है कि आखिर अतिक्रमणकारी का पहुंच कहाँ तक है जो वन कर्मियों को ही अपराधी बनाकर धारा 307 का आरोपी बनाए जाने के कगार पर हैं, मामला चाहे जो कुछ भी हो परंतु आरोपी को यदि ऐसी सह मिलेगी तो पुलिस प्रशासन हो या वन अमला करवाई करने से रहे