सूरजपुर

सयुंक्त मोर्चा और कोयला मजदूरों का देश व्यापी हड़ताल भटगांव में शत-प्रतिशत रहा सफल.. कोयला उत्पादन और परिवहन रहा ठप्प

प्रतापपुर। केंद्र सरकार की कोयला उद्योग नीति, कमर्शियल माईनिंग का टेंडर निकालने, लेबर लॉ में परिवर्तन,कोयला उद्योग के निजी करण, कोल ब्लॉकों का पूंजी पतियों को आवंटन, कोल इंडिया से सीएमपीडीआई को अलग करने, ठेका मजदूरों को एच पी सी वेज का भुगतान करने, और 9.4.0 को लागू करने के लिए बड़ी पांच सेंट्रल ट्रेड यूनियनों एटक,सीटू, बी एम एस, इंटक,एचएम एस के द्वारा 2 से 4 जुलाई 2020 तक 3 दिन की हड़ताल के लिए आवाहन किया था। इस हड़ताल के प्रथम दिन एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के समस्त खदानों शिवानी, भटगांव एक – दो नवापारा, महान वन, महान टू, जागरनाथपुर में कोयला उत्पादन नहीं हुआ। एमरजेंसी स्टॉफ को छोड़ कर बाकी श्रमिकों की उपस्थिति नगण्य रही और मजदूरो की हड़ताल कामयाब रही।
पांचो ट्रेड यूनियन के शीर्ष नेता इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए कई दिनों से प्रयास रत थे और लगातार गेट मीटिंग और जागरूकता कार्यक्रम भटगांव के बिभिन खदानों में करते आ रहें थे।पहले दिन के सफल आंदोलन से उत्साहित नेताओं ने कहा की केंद्र सरकार को हमारी मांगे पूरी करनी पड़ेगी।

हड़ताल को सफल बनाने के लिए श्रमिक संगठन एटक के मनोज पाण्डे, अखलाख खान, हरेंद्र सिंह, सीटू के अजय शर्मा, एच एल यादव, एच एन ओझा,एच एम एस के सतीश तिवारी, दिलीप मंडल, बिस्नू साहू, जगरनाथ पाण्ड्य, बी एम एस के संजय सिंह,शिवराम सिंह,जगरनाथ शर्मा,इंटक के रबिंद्र सिंह, संजय सिंह, राजेंद्र सिंह देव सहित सभी यूनियन के पदाधिकारी सक्रिय रहें।श्रमिक संघ एटक के महामंत्री हरिद्वार सिंह ने कहा की भारत सरकार को समझना चाहिए कि मजदूर केवल मात्र वेतन के लिए हड़ताल नहीं करते हैं।बल्कि कोयला उद्योग को बचाने के लिए कोयला उद्योग के भविष्य के लिए और मजदूरों के शोषण के खिलाफ भी लड़ाई लड़ते हैं, और संघर्ष करते हैं,इस बात को समझना चाहिए।सयुक्त मोर्चा बना कर हमारे उच्च नेतृत्व ने जिस सुझ बुझ के साथ कोयला उद्योग को बचाने के लिए एकता वद्ध तरीके से संघर्ष को आगे बढ़ाया आज उसी की सफलता दिखाई दे रही है। हमारे मजदूर भाइयों ने ट्रेड यूनियनों के एकता को जो तरजीह दी है यह भी बहुत बड़ी बात है वे बधाई के पात्र हैं. हम सब ट्रेड यूनियनों के नेतागण कोयला उद्योग के मजदूर मिलकर के इस आंदोलन को बिखरने नहीं देंगे और 4जुलाई2020 तक अंतिम दम तक हड़ताल को कामयाब करेंगे और भारत सरकार को महसूस करा देंगे हमसे पूरा देश उजाला होता है, हम किसी के रहमों करम पर नहीं है हम अपनी भी रक्षा करेंगे उद्योग की भी रक्षा करेंगे और आने वाले भावी पीढ़ी के लिये हम रास्ता भी सुरक्षित करेंगे। इसी उद्देश्य के साथ हमको मैदान में डटे रहना है।

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