अम्बिकापुर

शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अंबिकापुर मे साइबर जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन

कार्यक्रम मे शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अंबिकापुर एवं नगर पालिका निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अंबिकापुर के 900 छात्र छात्राएं हुए शामिल

अंबिकापुर (सरगुजा): साइबर अपराधों के निरंतर बदलते स्वरूप और बढ़ती घटनाओं के रोकथाम के उद्देश्य से अक्टूबर 2025 को “राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह” के रूप में मनाते हुए, राष्ट्रव्यापी साइबर जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सरगुजा, राजेश कुमार अग्रवाल (भा.पु.से.) की गरिमामयी उपस्थिति में शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अंबिकापुर में एक विशाल साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लों और नगर पुलिस अधीक्षक राहुल बंसल (भा.पु.से.) ने भी छात्रों को विभिन्न प्रकार की साइबर ठगी और उनके रोकथाम के उपायों पर विस्तृत जानकारी प्रदान कर जागरूक किया।
SSP सरगुजा ने ‘POLICE’ की-वर्ड से समझाया साइबर सुरक्षा का मंत्र
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सरगुजा राजेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि सरगुजा पुलिस समय-समय पर नागरिकों और छात्र-छात्राओं को उपयोगी जानकारियों से अवगत कराती रही है। उन्होंने साइबर अपराध की घटनाओं में कमी लाने के लिए लोगों को ‘अलर्ट’ रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ठग कई प्रकार के झांसे देकर घटनाएँ कारित कर रहे हैं, और नागरिकों की ‘थोड़ी सी सावधानी’ ही ऐसे अपराधों से बचाव में सहायक सिद्ध हो सकती है।
SSP ने छात्र-छात्राओं को साइबर सुरक्षा का मंत्र देने के लिए एक विशेष ‘POLICE’ की-वर्ड का विस्तार से परिचय दिया:
* P फॉर पासवर्ड: उन्होंने पासवर्ड को ऑनलाइन सुरक्षा की ‘पहली और सबसे महत्वपूर्ण कुंजी’ बताते हुए मजबूत पासवर्ड बनाने और उसे सुरक्षित रखने के महत्व पर जोर दिया।
* O फॉर ओटीपी: यह सबसे महत्वपूर्ण नियम है कि अपना OTP किसी के साथ साझा न करें, भले ही वह बैंक कर्मचारी या पुलिस अधिकारी होने का दावा करे। कोई भी वैध संस्था आपसे OTP नहीं मांगेगी।
* L फॉर लिंक: अनजान ईमेल या SMS में आए लिंक पर क्लिक न करने की सलाह दी गई, क्योंकि धोखेबाज अक्सर नकली वेबसाइटों पर ले जाकर क्रेडेंशियल चुरा लेते हैं।
* I फॉर आइडेंटिफिकेशन: सही पहचान और प्रमाणीकरण (Identification and Authentication) सुनिश्चित करता है कि केवल वैध उपयोगकर्ता ही संवेदनशील डेटा तक पहुँच सकें और अनाधिकृत पहुँच रोकी जा सके।
* C फॉर केयरफुल (सावधान): साइबर जागरूकता ही बचाव है। नागरिकों को अपनी निजी जानकारी किसी से साझा न करने, बैंक संबंधी गतिविधियाँ स्वयं बैंक जाकर करने, और सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी एवं वास्तविक स्थिति साझा न करने की समझाइश दी गई।
* E फॉर इमरजेंसी: ऑनलाइन ठगी या बैंकिंग फ्रॉड होने पर तुरंत टोल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत करने, साथ ही नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल से संपर्क करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि ‘जल्दी सूचना’ मिलने पर पुलिस त्वरित कार्यवाही कर राहत प्रदान कर सकती है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और नगर पुलिस अधीक्षक ने भी किया जागरूक
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरगुजा अमोलक सिंह ढिल्लों ने साइबर क्राइम को ‘साइबर और क्राइम’ दो शब्दों का मेल बताते हुए, मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अपराधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने फेक प्रोफाइल और सैक्स्टॉर्शन जैसे सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों पर छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से जागरूक रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
नगर पुलिस अधीक्षक अंबिकापुर राहुल बंसल ने ऑनलाइन गेमिंग के शौक में अनजाने में क्लिक हो जाने वाले लिंक और इससे खाते से पैसे कटने की समस्या को रेखांकित किया। उन्होंने बच्चों को ऐसी स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करने की सलाह दी। साथ ही, अन्य किसी समस्या या परेशानी के लिए डायल 112 (एक्के नंबर सब्बो बार) का उपयोग करने को कहा। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे इस कार्यक्रम से प्राप्त जानकारी को अपने माता-पिता एवं परिजनों तक पहुंचाकर उन्हें भी जागरूक करें।
कार्यक्रम में शिक्षकगण, साइबर सेल से आरक्षक विशेषज्ञ अनुज जायसवाल, पुलिस मितान एवं साइबर वॉलेंटियर टीम के सदस्य अतुल गुप्ता, विक्की गुप्ता, श्रुति तिवारी, अनमोल बारी सहित करीब 900 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के माध्यम से सरगुजा पुलिस ने नागरिकों को ‘रुकें, सोचें और कार्यवाही करें’ के स्लोगन को अमल में लाने की समझाइश दी।

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