दुर्ग में ननों की गिरफ्तारी के बाद अंबिकापुर से राष्ट्रपति को ज्ञापन, ऑल चर्चेस यूनाइटेड फ्रंट ने धर्मांतरण के आरोपों को बेबुनियाद बताया



अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर स्थित ‘ऑल चर्चेस यूनाइटेड फ्रंट’ ने दुर्ग में दो ननों की गिरफ्तारी और उनके साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना पर गहरा रोष व्यक्त किया है। फ्रंट की ओर से भारत की राष्ट्रपति को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें राज्य में अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और गरीबों के संवैधानिक, धार्मिक और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है।
ज्ञापन में विशेष रूप से दुर्ग में हुई घटना का उल्लेख करते हुए इसे ‘अमानुषिक बर्ताव’ और ‘निंदनीय’ बताया गया है। फ्रंट का आरोप है कि इस घटना में ननों और तीन अन्य लोगों पर लगाए गए धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन कुछ कट्टरपंथी हिंदू संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, जो कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में ले रहे हैं। फ्रंट ने दोषियों पर उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
ऑल चर्चेस यूनाइटेड फ्रंट, अंबिकापुर ने ज्ञापन में यह भी दावा किया है कि राज्य का वर्तमान परिवेश इस बात का प्रमाण है कि गरीब, आदिवासी और अल्पसंख्यक भय एवं आतंक के साये में जी रहे हैं। संगठन ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ और सख्त कानून लाने की चर्चा को ‘मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन’ बताया है।
ज्ञापन में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार और संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा आदिवासियों के संरक्षण हेतु दिए गए अधिकारों का भी हवाला दिया गया है। फ्रंट ने राष्ट्रपति से अपील की है कि वे समय रहते इस खतरनाक साजिश के खिलाफ प्रभावी कदम उठाएं। इस ज्ञापन की प्रतियां मानव अधिकार कमिशन और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को भी भेजी गई हैं।


