छत्तीसगढ़

युक्तियुक्तकरण के बाद शासन का कड़ा रूख नई पदस्थापना पर ज्वाइन न करने वाले शिक्षकों का वेतन रोका, अनुशासनात्मक कार्यवाही के आदेश

रायपुर, 7 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण (rationalization) प्रक्रिया के तहत विभिन्न शालाओं में पदस्थापित किए गए ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है, जिन्होंने नई संस्थाओं में कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। लोक शिक्षण संचालनालय, छत्तीसगढ़ द्वारा आज जारी एक आदेश के अनुसार, इन शिक्षकों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है और उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
यह आदेश उन शिक्षकों पर लागू नहीं होगा जिन्हें माननीय उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत मिली हुई है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग ने 2 अगस्त 2024 और 28 अप्रैल 2025 को जारी पत्रों के माध्यम से शालाओं के युक्तियुक्तकरण का निर्णय लिया था। इस प्रक्रिया के तहत, विभिन्न स्कूलों में शिक्षकों के अतिशेष होने की स्थिति में, उन्हें काउंसलिंग के माध्यम से अन्य स्कूलों में पदस्थापित किया गया था। ये पदस्थापना आदेश जिला, संभाग और राज्य स्तर पर जारी किए गए थे।

शिक्षकों में असंतोष और ‘तानाशाही’ के आरोप

हालांकि, इस युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर शिक्षकों के एक बड़े वर्ग में असंतोष व्याप्त है। कई शिक्षकों को उनकी वर्तमान पदस्थापना से दूरस्थ स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है, जिससे उनके व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार ने बिना पर्याप्त विचार-विमर्श के यह कदम उठाया है और इससे उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
इस नए आदेश को भी सरकार की “तानाशाही” के रूप में देखा जा रहा है। शं शिक्षकों को अपनी समस्याओं को सामने रखने और उचित समाधान पाने का मौका दिए बिना वेतन रोकना और अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी देना अलोकतांत्रिक है। यह कदम शिक्षकों पर दबाव बनाने और उन्हें जबरन नई पदस्थापना पर ज्वाइन करने के लिए मजबूर करने का प्रयास है, भले ही उनके सामने कितनी भी व्यवहारिक कठिनाइयां क्यों न हों।

लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक द्वारा हस्ताक्षरित इस आदेश की प्रतिलिपि स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, सभी संभागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी और संबंधित प्राचार्यों को भेजी गई है। यह स्पष्ट संकेत देता है कि सरकार इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरतेगी।
देखना होगा कि इस आदेश के बाद कितने शिक्षक अपनी नई पदस्थापना पर कार्यभार ग्रहण करते हैं और जो नहीं करते हैं, उनके खिलाफ सरकार किस तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई करती है?

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