फर्जी रजिस्ट्री के बाद जमीन खाली करने की धमकी से परेशान ग्रामीण ने लगाई थी फांसी, तीसरा आरोपी गिरफ्तार; मुख्य सरगना विनोद-प्रवीण अग्रवाल अब भी फरार

अंबिकापुर । फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री कराकर एक गरीब ग्रामीण को जमीन खाली करने की धमकी देने का मामला सामने आया है। इस धमकी से परेशान होकर ग्रामीण ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। इस दुखद घटना के संबंध में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसके साथ इस मामले में कुल गिरफ्तारियों की संख्या तीन हो गई है। हालांकि, मुख्य आरोपी विनोद अग्रवाल और प्रवीण अग्रवाल समेत कुछ अन्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
क्या है पूरा मामला?
राजपुर थाना क्षेत्र के बरियों चौकी अंतर्गत भेस्की गांव के निवासी 65 वर्षीय भैरा राम ने 22 अप्रैल, 2025 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जांच में खुलासा हुआ कि नवंबर 2024 में विनोद अग्रवाल उर्फ मधु और प्रवीण अग्रवाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर धोखे से भैरा राम की पत्नी जुवारो बाई को तहसील कार्यालय ले जाकर उनकी जमीन की रजिस्ट्री शिवराम नगेसिया के नाम पर करवा ली थी।
जमीन हड़पने के बाद, विनोद अग्रवाल उर्फ मधु, प्रवीण अग्रवाल और उनके साथी सुदामा, राजू, राजेंद्र, पिंटू, दिलीप तिग्गा लगातार भैरा राम को धमका रहे थे। वे उसे जमीन खाली करने और वहां से भाग जाने के लिए कहते थे, साथ ही मारपीट की धमकी भी देते थे। इन धमकियों और प्रताड़ना से तंग आकर भैरा राम ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
पुलिस विवेचना में यह स्पष्ट पाया गया कि भैरा राम की आत्महत्या का कारण आरोपियों द्वारा दी गई धमकियां और प्रताड़ना ही थी। इस पर बरियों चौकी में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108, 3(5) और अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST Act) की धारा 3(2)(5) के तहत अपराध दर्ज किया गया।
तीसरा आरोपी गिरफ्तार, मुख्य सरगना फरार
इस मामले में पुलिस ने पहले ही दो आरोपी दिलीप तिग्गा और पिंटू उर्फ चतुर्गुण यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
अब, पुलिस ने इस मामले के तीसरे आरोपी सुदामा उर्फ बाबूलाल श्रीवास्तव (46 वर्ष), पिता मोहित लाल श्रीवास्तव, निवासी बरियों (मंदिर पारा), चौकी बरियों को झारखंड के पलामू जिले के पाकी थाना क्षेत्र के सहजनवा गांव से गिरफ्तार कर लिया है। सुदामा लगातार गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहा था। आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
हालांकि, इस मामले के मुख्य आरोपी विनोद अग्रवाल उर्फ मधु और प्रवीण अग्रवाल के साथ-साथ राजेंद्र मिंज और राजू उर्फ धरम पाल कौशिक अभी भी फरार हैं। पुलिस इन सभी फरार आरोपियों की तलाश में लगातार सक्रिय है और उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं।




