अम्बिकापुरछत्तीसगढ़राज्यसरगुजा संभाग

ऐलूमिना हाइड्रेट फैक्ट्री का हो रहा है पूरजोर विरोध…..अपनी जमीन और पर्यावरण बचाने सैकड़ों की संख्या में सड़क पर उतरे ग्रामीण

अंबिकापुर/:-बतौली क्षेत्र के सिलसिला में शुरू होने वाली एलुमिना हाइड्रेट फैक्ट्री का विरोध शुरू हो चुका है। अपनी जमीन और पर्यावरण को बचाने शुक्रवार को सिलसिला, बेलकोटा और गहिला पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण इस फैक्ट्री का विरोध में उतर कर अपने सुर मुखर कर रहे हैं। इन पंचायत के लोगों का कहना है कि किसी भी कीमत पर इस फैक्ट्री को शुरू होने नहीं दिया जायेगा। बेलकोटा पंचायत के लोगों का साफ कहना है कि उनके पंचायत से होकर 33 हजार वोल्ट की बिजली इस फैक्ट्री को दी जायेगी। इस बिजली लाईन से लगभग सौ घर यानी सौ एकड़ जमीन प्रभावित हो जायेगी। इससे आसपास के ग्रामीणों को खेती करना मुश्किल हो जायेगा। उधर सिलसिला के लोगों का कहना है कि उनके गाँव में ये जो फैक्ट्री लगाई जा रही है, इससे फैक्ट्री के आसपास की जमीनें ख़राब हो जायेगी। तथा पर्यावरण को काफी नुकसान होगा। जिससे यहाँ की आब-ओ हवा बदल जायेगी। उधर गहिला पंचायत के लोग भी इस मामले में विरोध कर रहे हैं।
गौरतलब है की बतौली के चिरंगा में भी 11 सौ करोड़ की लागत से एल्युमिना हाइड्रेट फैक्ट्री लगाया जाना है, इस मामले में भी वहाँ के स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। हालाँकि वहाँ फैक्ट्री का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है। कागजी कार्यवाही फ़िलहाल चल रही है। इधर सिलसिला में एलुमिना हाइड्रेट फैक्ट्री बनकर तैयार है। अब ग्रामीण इस मामले में लगातार विरोध कर रहे हैं। सिलसिला के लोगों का कहना है कि वे शुरूआती दौर से ही विरोध कर रहे थे लेकिन उनकी किसी ने सुनी नहीं। इनका यह भी आरोप है कि किसी भी पंचायत से सम्बन्धित लोगों ने अनुमति के प्रस्ताव पत्र प्राप्त नहीं किये हैं। और न ही पंचायत ने ऐसी किसी भी तरह का प्रस्ताव दिया है। अब तो ग्रामीणों का कहना है कि उनके खेतों से होकर सड़क भी फैक्ट्री तक जाने नहीं दी जायेगी।
गौरतलब है कि राज्य सरकार के उद्योग विभाग ने एक निजी कंपनी से इस फैक्ट्री के संबंध में एमओयू किया है। बाक्साइड से लाखों टन एलमूना प्राप्त करने के लिए फैक्ट्री स्थापित किया जाना है। हालाँकि फैक्ट्री से सम्बंधित लोगों का यह दावा है की इससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति काफी सबल हो जायेगी साथ ही हजारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
इस मामले में मुख्य रूप से मंगल साय, शिवलाल, जयंत कुमार, अजीत कुमार, चंदेश्वर, श्याम कुमार, उदय कुमार, भीम साय, आनंद राम, मनमतिया, सुभाष राम, विकास, संतकुमार, पास्कल, संतोष, फूलकुमारी, कमला, पीलू, अर्चना, अनुप्रिया केरकेट्टा, मनीषा, स्वाति इसके अलावा मानसी, भूलन, नवा राम, जेम्स, नान, प्रतिमा, धर्मपाल, नीलमणि, सुनीता इत्यादि ग्रामीण इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button