विकास से कोसों दूर पंडो जनजाति के बीच पहुंची आशा की किरण.. बरसते पानी में दूरस्थ अंचल के गांव में पंडो जनजाति की समस्याओं का सुध लेने पैदल पहुंचे जनप्रनिधि
पोड़ी मोड़-प्रतापपुर। देश की आजादी के बाद केन्द्र व राज्य सरकार ने गांवों को मूलभूत सुविधाएं बिजली, पानी, सड़क तथा शिक्षा के लिए करोड़ों-अरबों रुपए योजनाओं के माध्यम से खर्च तो कर दिए। लेकिन आज भी कई गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। जिसमें ओड़गी ब्लॉक के कई गांव ग्रामीण आज भी विकास की राह देख रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले का दूरस्थ अंचल ओड़गी ब्लॉक के गांवों में बेदमी,केशर व दुबियाडीह स्थित है जो कि विकास से कोसों दूर है।यदि उन गांवों के व्यक्ति बीमार पड़ जाते हैं तो उन्हें खाट के सहारे परिजन ओड़गी मेन रोड पर लाते हैं तब कहीं उनका इलाज संभव हो पाता है।अधिकांश लोग यहां गरीब तबके के है व शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली व पानी की व्यवस्था से कोसों दूर हैं।ऐसी स्थिति का पता चलने पर जिला अध्यक्ष प्रतिनिधि शिवभजन मराबी अपने आपको रोक नहीं पाए व बरसते पानी में ही उस गांव में पैदल पहुंच पंडोजनजाति के समस्याओं पर अवगत होते हुए ग्रामीणों की तत्काल समस्या सुलझाई।
यहां की समस्याओं को लेकर स्थानीय ग्रामीण द्वारा जिलाध्यक्ष प्रतिनिधि से फोन से चर्चा कर समस्याओं से अवगत कराया गया था।
इसी परिपेक्ष में शिवभजन मराबी के द्वारा बेदमी,केशर व दुबियाडीह पहुंच वहां के मूलभूत सुविधाओं के बारे में जानकारी लिया।दुबियाडीह के पंडो बस्ती में ग्रामीणों द्वारा सौर ऊर्जा से चलने वाली बिजली व सोलर पंप खराब होने की शिकायत की जिस पर जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शिवभजन मराबी ने तुरंत जिला के अधिकारियों से बात कर स्थानीय मैकेनिक को वहां बुलवाया और बिजली व सोलर पंप का सुधार कार्य अपनी उपस्थिति में करवाया। जब तक सुधार कार्य नहीं हुआ तब तक जिला प्रतिनिधि वहीं ग्रामीणों के साथ डटे रहे।पंडो समुदाय के ग्रामीणों से वहां की मूलभूत सुविधाओं से अवगत हुए। साथ ही कुछ पंडोजनजाति के लोगों को वन अधिकार पट्टा नहीं मिलने पर कलेक्टर से चर्चा कर पट्टा दिलवाने का आश्वासन दिया।पहली बार किसी नेता को अपने बीच पाकर ग्रामीण गदगद थे।इस दौरान ग्रामीणों ने जिलाध्यक्ष प्रतिनिधि से अपनी मूलभूत समस्याओं से अवगत कराया और उन्होंने बताया कि इस मुहल्ले में आज तक कोई अधिकारी-कर्मचारी कभी नहीं आया है और न ही चुनाव समय कोई नेता आते हैं ऐसी स्थिति में हम अनाथों की तरह जीवनयापन करने मजबूर हैं।आप के आने से वर्षों बाद हमें विकास की किरण दिखाई दी है।इस दौरान कुंदन मिश्रा, अयूब खान, सरपंच मंगल सिंह,मोती यादव सहित समस्त ग्रामीण जन उपस्थित थे।
पण्डो विकास प्राधिकरण के बाद भी नहीं मिल रहा लाभ
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद यहां प्रवास पर थे तब उन्होंने सरगुजा जिले के पण्डो जनजाति के लोगों को गोद लेकर उनके उत्थान की बातें कही थीं। इसके बाद से ही उन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र मानते हुए सरकार उनके विकास के लिए कई योजनाएं लागू करती आई है। इसके लिए सूरजपुर जिले में पण्डो विकास प्राधिकरण की स्थापना भी की गई। इसके बावजूद विशेष जनजाति पण्डो का उत्थान तो नहीं हुआ, लेकिन जिले में बैठे लोगों ने इनके नाम पर अपना उत्थान जरूर कर लिया।