ब्रेकिंग न्यूज :- 70 वर्ष पुराने शासकीय जमीन के बंदरबाट का मामला….राज्यपाल ने दिए जाँच के आदेश
ब्रेकिंग न्यूज़ :जशपुर/पत्थलगांव-ःसात दशक पुराने मामले की जांच का आदेश प्रदेश के राज्यपाल ने छत्तीसगढ शासन के सचिव जनशिकायत निवारण विभाग को प्रेषित की है। दरअसल इस मामले की शिकायत नगर पंचायत के पार्षद अजय बंसल ने राज्यपाल के पास की थी,यह मामला शहर के हृदयस्थल पर स्थित मंडी परिसर की नजूल भूमि का है,जिसमे 1956 के दशक से विवाद चल रहा है,पूरा मामला नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष दुलार साय की शिकायत पर उजागर हुआ था,बताया जाता है कि 1956 के दशक मे शासन ने यहा के कृषको से लगभग 34 एकड जमीन ग्राम विकास के लिए अधिग्रहित की थी,उस दौरान शासन की ओर से गांव बसाने के लिए लोगो को नजूल पटटे बांटे जा रहे थे,जिसमे धरमजयगढ निवासी घीसुराम अग्रवाल को तत्कालिक कलेक्टर ने दस डिस्मील का पटटा निवास के नाम से दिया था,परंतु घीसुराम के दस डिस्मील वाले पटटे को बनवारीलाल अग्रवाल ने कुट रचना कर 12 एकड 27 डिस्मील बना लिया। यह पूरा मामला फर्जीवाडा का था,अनेक बार इस मामले मे विवाद उत्पन्न हो चुके थे,सन् 1972 के दशक मे जब प्रशासन ने इस विवादीत भूमि पर मंडी बनानी चाही तो बनवारी लाल ने उस पर आपत्ति लगा दी,प्रशासन के कार्यो मे आपत्ति लगने के बाद जब मध्यप्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच करायी तो कलेक्टर के मार्फत उस दौरान के तत्कालिक एस.डी.एम ने पूरा मामला फर्जी करार दे दिया,जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने sdm की बातों को नजर अंदाज करते हुए बनवारी लाल से समझौता कर लिया,और तत्कालिक कलेक्टर से 7 एकड 65 डिस्मील का पटटा अपने नाम हासिल कर लिया,वही 4 एकड 12 डिस्मील का पटटा तत्कालिक कलेक्टर ने मंडी का विस्तार करने के लिए प्रशासन को सौंप दिया। जबकि मूल पट्टा ही फर्जी था, कूट रचित था,यह मामला यही पर जाकर शांत नही हुआ,बनवारी लाल अग्रवाल ने 1984 के दशक मे आठ रजिस्टरी के माध्यम से 7 एकड 65 डिस्मील जमीन को रायगढ के रहने वाले गोविंद अग्रवाल को बेच दी।।
वर्ष 2000 मे शिकायत वर्ष 2016 मे जांच-ःयहा के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष दुलार साय ने मंडी प्रांगण की जमीन के फर्जीवाडे की दस्तावेजो के साथ शिकायत 2000 के दशक मे थाने मे दर्ज करायी,परंतु प्रशासनिक कार्यो मे होने वाली लेटलतीफी के कारण दुलार साय का मामला 2016 के दौरान प्रकाश मे आया। दुलार साय की शिकायत के बाद पुरानी कहानी दोबारा जीवित हो गयी,तत्कालिक प्रशासनिक अधिकारीयों ने जिस फर्जीवाडे का जीक्र अपने दस्तावेजो मे किया था,वर्ष 2016 की जांच मे भी वही फर्जीवाडा दोबारा सामने आ गया ।इस बीच पूरे मामले को लेकर थाना एवं कोर्ट कचहरी के चक्कर लगते रहे,परंतु इस बीच न्यायालय ने 7 एकड 65 डिस्मील जमीन का कुछ भाग नजूल पटटे की शर्तो के आधार पर गोविंद अग्रवाल के अधिकार क्षेत्र मे दे दिया,जिस पर नगर पंचायत के पार्षद अजय बंसल की शिकायत के बाद फिर से विवाद खडे हो गया है।।
पटटे की शर्तो का उल्लंघन-ःनगर पंचायत के पार्षद अजय बंसल ने 10 डिस्मील जमीन के पटटे को कुट रचना से 12 एकड बनाये जाने की शिकायत के अलावा नजूल पटटे के नियम शर्तो का उल्लंघन कराने का मामला दर्ज कराया है। उन्होने ब्लाक,जिला एवं प्रदेश स्तर तक के अधिकारीयों को मंडी की जमीन मे हुये फर्जीवाडे के संबंध मे जानकारी दी है। कही से उचित न्याय ना मिलता देखकर उन्होने पिछले वर्ष प्रदेश के राज्यपाल के नाम शिकायत प्रस्तुत की थी,जिसके निराकरण के लिए राज्यपाल ने अब छत्तीसगढ शासन के सचिव जन शिकायत निवारण विभाग को पत्र् प्रेषित किया है। दिन सोमवार को शहर मे जिला के नवपदस्थ कलेक्टर महादेव कावरे का आगमन हुआ था,उस दौरान पार्षद अजय बंसल ने मंडी प्रांगण के फर्जीवाडे के संबंध मे शिकायत करते हुये राज्यपाल की ओर से आये जांच के आदेश से भी उन्हे अवगत कराया गया।।
–मंडी प्रांगण की जमीन की शिकायत मिली है,पत्थलगांव एस.डी.एम को तत्काल जांच के निर्देश दे दिये गये है,मुझ तक दस्तावेज पहुंचने के पश्चात मामले की विस्तृत जांच करायी जायेगी।
महादेव कावरे-जिला कलेक्टर-जशपुर