छत्तीसगढ़राज्यसरगुजा संभाग

परंपरागत तरीके से मनाई गई गंगा दशहरा…..

लखनपुर- सदियों पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए 1 जून को नगर के जूना लखनपुर स्थित प्राचीन दशहरा तालाब किनारे में बाकायदा गंगा दशहरा का पर्व स्थानीय एवं दूरदराज ग्रामीण अंचलों से आए लोगों ने उत्साह के साथ मनाया पौराणिक मान्यता अनुसार गंगा दशहरा का पर्व गंगावतरण के रूप में मनाया जाता है राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के उद्देश्य घोर तपस्या उपरांत मां गंगा को स्वर्ग से धरती पर जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को जमीन पर उतारा था तथा भगवान शिव की जटाओं से प्रवाहित होती हुई मां गंगा पृथ्वी लोक में अवतरित हुई थी तब से लेकर इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है ऐसी भी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा जलाशयों सरोवर मैं विराजमान होती हैं अतः जलाशयों सरोवर को गंगा स्वरूप मानते हुए लोग पूजा अनुष्ठान करते हैं तथा साल भर आयोजित शुभ कार्यों के समान जैसे विवाह का मौर कंकण कलश बच्चे के जन्म समय के कटे नाल छठी का बाल इत्यादि का ग्राम बैगा द्वारा विधिवत पूजा अनुष्ठान कराने के बाद जल सरोवरो जलाशयों में विसर्जित कराया जाता है साथ ही गंगा दशहरा को लेकर अनेकों किंवदंती जुड़े हुए हैं इसी तारतम्य लखनपुर के दशहरा तालाब में आज पूरे आस्था के साथ लोगों ने गंगा दशहरा मनाया वहीं कोविड 19 करो ना जैसे भयानक बीमारी का भी लोगों को खौफ नहीं रहा शासन प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे मुहिम का खुला धज्जी उड़ाते देखा गया सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना लोगों ने मुनासिब नहीं समझा इतना ही नहीं गंगा दशहरे के मौके पर भीड़भाड़ के मद्देनजर प्रशासकीय अमले की भी निष्क्रियता साफ तौर पर देखी गई जबकि शासन-प्रशासन के बनाए नियम फरमान के बाद शासकीय अमले की जिम्मेदारी लाजमी था परंतु नियम के प्रति पालन में गंगा दशहरा मेले में एक भी अधिकारी कर्मचारी नजर नहीं आए।

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