उड़ीसा के करीब पहुंचा ‘यास’ , केंद्रीय मौसम विभाग के अनुसार ‘यास’ ने बदला अपना रास्ता , हवा का रुख रांची की ओर मुड़ा.. झारखंड छत्तीसगढ़ मे दिखेगा असर
शक्तिशाली समुद्री तूफान यास (Yaas Cyclone) ओडिशा तट के नजदीक पहुंच चुका है साइक्लोन यास बुधवार की सुबह 8-9 बजे तक उत्तर ओडिशा में धमरा बंदरगाह के पास दस्तक देगा, चक्रवात अभी धमरा से 40 किलोमीटर दूर समुद्र में है जो 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. जबकि सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजे तक बालासोर के पारा द्वीप और सागर दीप के बीच इसके लैंडफॉल की संभावना है. ऐसे में इस दौरान यह अपने प्रचंड रूप में रहेगा. इस दौरान तिनके की तरह हवा में उड़ सकती है चीजें. चलेंगी 165 से 175 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं. अति भारी बारिश और गरज के साथ पूर्वी भारत, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार, बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़, ओडिशा, पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत कर्नाटक, केरल में पड़ेंगी बौछारें.
मौसम विभाग के मुताबिक साइक्लोन यास उत्तर-उत्तर पश्चिम की तरफ मुड़ सकता है और इसकी तीव्रता और अधिक हो सकती है. पूर्व में यह माना गया था कि यह उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के बीच तट से टकराने के बाद पश्चिम बंगाल की तरफ आगे बढ़कर सुंदरवन होते हुए बांग्लादेश की तरफ चला जाएगा।
लेकिन अब सैटेलाइट चित्रों से तैयार मॉडल से पता चल रहा है कि यास तूफान रांची से होकर अंतिम दिशा की तरफ बढ़ जाएगा और पश्चिमी झारखंड के रास्ते छत्तीसगढ मे प्रवेश करेगा. छत्तीसगढ़ के जिन जिलो मे चक्रवात प्रवेश करेगा उसमे बलरामपुर, सरगुजा और जशपुर जिला शामिल हैं. इधर मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक जब ये चक्रवाती तूफान छत्तीसगढ मे प्रवेश करेगा. उस दौरान इन इलाको मे 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज रफ्तार हवाए चलेंगी. इतना ही नहीं इस चक्रवात का असर 26, 27, 28 मई तक रहेगा। राहत की बात यह है कि रांची और आस पास के इलाकों तक आते आते इसका तूफानी स्वरुप बहुत हद तक समाप्त हो चुका होगा। अभी चक्रवात समुद्र में है और उसका असर तेजी से बढ़ता जा रहा है। वैसे इस बीच तूफान के तट से टकराने का आकलन भी बदल गया है। अब यह तूफान 26 मई की सुबह उड़ीसा के धमरा फिर उसके बाद बालासोर के पास तट पर आयेगा। पूर्व में इसके पाराद्वीप और हल्दिया के बीच आने की संभावना जतायी गयी थी। दिशा बदल लेने की वजह से अब तूफान के आगे बढ़ने का मार्ग भी बदल गया है जो रांची से होकर गुजरेगा। नये संशोधित मॉडल के मुताबिक तूफान का सर्वाधिक असर महज चार पांच घंटे ही रहेगा। उसके बाद तूफान के बदले तेज हवाएं भर चलेंगी। वैसे इस बारे में नई चेतावनी यह जारी की गयी है कि इस तूफान की गति बढ़कर 185
किलोमीटर प्रति घंटा की भी हो सकती है। इसी वजह से प्रभावित होने वाले इलाकों में
पहले से ही सतर्कता बरती जा रही है।