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हाथियों का आतंक जारी, आए दिन घरों को तोड़ने के अलावा लोगों की ले रहे जान बेटी के बाद अब पिता को हाथियों ने उतारा मौत के घाट दल के 15 हाथियों ने शव के कर दिए टुकड़े- टुकड़े घटना के दौरान भतीजे ने किसी तरह भागकर बचाई अपनी जान

पोड़ी मोड़-प्रतापपुर। हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा आए दिन घरों को तोड़ने के अलावा लोगों की जान ले रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार की शाम अपने भतीजे के साथ साइकिल से गांव लौट रहे ग्रामीण को एक हाथी ने कुचलकर मार डाला।इसके बाद 15 हाथियों का दल वहां पहुंचा और लाश को फुटबॉल की तरह खेला। इससे शव के टुकड़े-टुकड़े हो गए। घटना के दौरान उसके भतीजे ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।सूचना पर वन अमला मौके पर पहुंचा तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग द्वारा गांव की ओर हाथियों के आने की सूचना उन्हें नहीं दी जाती है। इधर वन विभाग ने मृतक के परिजन को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपए प्रदान किए।
सूरजपुर जिले भैयाथान विकासखंड अंतर्गत ग्राम धरमपुर के बांधपारा निवासी रामुंद्र राजवाड़े 52 वर्ष मंगलवार की शाम अपने 14 वर्षीय भतीजे के साथ पास के ही गांव से साइकिल से लौट रहा था। इसी दौरान गांव में पहुंचे एक हाथी ने दोनों को घेर लिया।यह देख भतीजा तो किसी तरह भाग निकला लेकिन रामुंद्र राजवाड़े को हाथी ने सूंड से उठाकर जमीन पर पटक दिया और पटककर जान ले ली। इसके बाद घटनास्थल से लगे बुंदिया जंगल से 15 हाथियों का दल वहां पहुंचा और लाश को फुटबॉल बनाकर खेला।जिससे शव के टुकड़े-टुकड़े हो गए।

2 घंटे बाद पहुंचा वन अमला

ग्रामीणों की सूचना पर करीब 2 घंटे बाद वन अमला गांव में पहुंचा। यह देख ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया। पहले उन्होंने वहां से हाथियों को खदेडक़र शव बरामद किया। इधर ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग द्वारा गांव में हाथियों के आने की न तो सूचना दी जाती है और न हाथियों की निगरानी की जाती है।
इससे आए दिन क्षेत्र में घटनाएं हो रही हैं। यही नहीं, यदि वन कर्मचारियों को उनके द्वारा फोन किया जाता है तो वे उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हैं।

2 महीने पहले बेटी को भी उतारा था मौत के घाट

हाथियों के दल ने ग्राम कोटेया में 2 महीने पूर्व मृतक रामुंद्र राजवाड़े की बेटी को भी कुचलकर मार डाला था। इस दौरान मृतक की बेटी महुआ बीनने गई थी।उन्ही हाथियों के दल ने पुनः घटना को दोहराते हुए पिता को भी मौत के घाट उतार दिया।

ग्रामीणों का आरोप गलत.. सूचना लगातार ग्रामीणों को देकर उन्हें किया जा रहा सतर्क

“”देर रात ग्राम बुंदिया के बांधपारा में हाथियों का उत्पात थमने के बाद बुधवार की सुबह शव को बरामद किया गया। ग्रामीणों द्वारा लगाया गया आरोप गलत है। लॉकडाउन के दौरान भी ग्रामीण घरों से बाहर निकल रहे हैं। हमारे द्वारा हाथियों के गांव की ओर आने की सूचना लगातार ग्रामीणों को देकर सतर्क किया जाता है।””

एस. खान
रेंजर, सूरजपुर वन परिक्षेत्र

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