छत्तीसगढ़राज्यसरगुजा संभागसूरजपुर

श्रमिक संगठन कोयला मजदूर सभा एचएमएस ने श्रम विरोधी कानून के विरुद्ध महाप्रबंधक को  प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

पोड़ी मोड़-प्रतापपुर।श्रम कानूनों में किए गए कठोर परिवर्तनों व कोल इंडिया को निजीकरण करने की साजिश को लेकर आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा ।
सूरजपुर जिले के एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के जरही स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के सामने श्रम कानूनों में कठोर परिवर्तनों के खिलाफ आयोजित राष्ट्रव्यापी विरोध में कोयला मजदूर सभा भटगांव क्षेत्र के क्षेत्रीय महामंत्री तेज बहादुर सिंह,,,,, ने लोगों को भारत सरकार द्वारा चलाए जा रही गलत नीतियों से अवगत कराते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर निजी करण के युग में प्रवेश कर रहे अत्यधिक अत्यधिक गंभीर मामले उत्तर प्रदेश गुजरात और मध्य प्रदेश के हैं जिन राज्यों पर भाजपा का शासन चल रहा है ,लगभग सभी श्रम कानूनों को 3 साल के निलंबित किया गया है प्रवासी मजदूर सड़कों पर रेल्वे पटरियों,खेतो व जंगलों के माध्यम से अपने बहुमूल्य जीवन को बचाते हुए कई मील की दूरी तय कर भूख थकावट व दुर्घटनाओं के कारण अपने जीवन रास्ते में खो दे रहे सबसे ज्यादा परेशानी महिला और बच्चों को हो रही है इस विशाल मानवीय समस्या से निपटने में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच संवेदनशीलता और समन्वय की पूरी कमी दिख रही है भारत सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की बहुत बड़ी घोषणा की है अर्थशास्त्रियों के अनुसार वास्तविक धन अंतरण जीडीपी का केवल 1% है बाकी सब वित्त मंत्री द्वारा घोषित विभिन्न क्षेत्रों को दिए गए उधारों पर केवल गारंटी है  भारत सरकार द्वारा कई अनदेखी की जा रही है इसको लेकर भारतीय मजदूर सभा ने सरकार से विभिन्न मांगे मजदूरों के हितो के लिए की गई है।

प्रमुख मांगों में..

लॉक डाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को सरकारी संसाधनों से उनके घर सुरक्षित पहुंचाया जाए ,वह भोजन उपलब्ध कराया जाए प्रवासी मजदूरों व गरीब परिवारों को बिना सर पर्याप्त सामग्री वितरण सुनिश्चित किया जाए, असंगठित श्रमिक बल पंजीकृत पंजीकृत या स्व नियोजित को प्रतिमाह 7500 रुपए कम से कम 3 माह के लिए अप्रैल मई व जून उनके बैंक खातों में जमा किया जाए ,रास्ते में दुर्घटना या बीमारी से मारे गए प्रवासी श्रमिकों के परिवार को 50 लाख रु मुआवजा दिया जाए तथा उनके बच्चों की शिक्षा रोजगार पालन-पोषण की गारंटी 12 सरकार द्वारा किया जाए रक्षा क्षेत्र में एफडीआई 49 से बढ़ाकर 74% करने का फैसला वापस लिया जाए, मनरेगा की अवधि गायक ग्रामीण व शहरी क्षेत्र दोनों जगह साल में 200 दिन किया जाए तथा निर्धारित मजदूरी पर प्रतिदिन 500 किया जाए ,कोयला उद्योग में कमर्शियल माइनिंग का फैसला तथा खदानों का लीज स्थानांतरण करने का फैसला उद्योग विरोधी होने के कारण वापस लिया जाए ,निजी क्षेत्रों को कोल आवंटन करने का फैसला वापस लिया  नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट की धारा 9,4,0 के तहत जो श्रमिक शारीरिक रूप से कार्य हेतु अक्षम होने पर डॉक्टरों द्वारा अनफिट घोषित करने के बाद उनके आश्रित को नौकरी देने की प्रथा वर्तमान में बंद किया गया उसे पूर्व की भांति जारी किया जाए , सेवा निर्मित चिकित्सा योजना के अंतर्गत खुला श्रमिकों को 4 हजार रु जमा करने पर अधिकारी वर्ग के प्रति समस्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए ,व 25 लाख  रुपए तक का कवर दिया जाए  वही भारत सरकार से विभिन्न मांगे की गई केंद्र सरकार  को अपने आदेशों का पुनः विचार करने की आवश्यकता है। अगर इसके बावजूद मौजूदा सरकार अपने आदेशों को वापस नहीं लेता है तो आने वाले वक्त में हम मजदूर साथी एकजुट होकर अपने और कोल इंडिया के हक में उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा जिसकी पूरी जिम्मेदार केंद्र सरकार की होगी यह सारी बाते महामंत्री ने कही,,,,

कोयला मजदूर सभा ने धारा 144 का किया पालन

वैश्विक महामारी कोविड 19 में लगी धारा 144 का पालन करते हुए कोयला मजदूर सभा के अध्यक्ष  सतीश तिवारी ,महामंत्री तेज बहादुर सिंह,  सूर्यबली सिंह,नीरू श्रीवास्तव ने भीड़ ना जुटाते हुए ज्ञापन सौंपा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button