सत्ता पक्ष पर भाजपा नेता व पार्षद आलोक दुबे ने लगाया अंबिकापुर मे अवैध रोहिंग्या मुसलमानों को संरक्षण देने व नगर निगम की सामान्य सभा में जाति- निवास प्रमाण पत्र बनाने के प्रस्ताव लाने का आरोप
हिंद शिखर न्यूज अंबिकापुर । इसे सरकारी एजेंसियों की विफलता कहें या नेताओं की वोट बैंक की सियासत जो देश के सरहद से सैकड़ों किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर तक भी कथित रोहिंग्या मुसलमान पहुंच गए हैं. दरअसल गुरुवार को नगर निगम की सामान्य सभा मे सत्ता पक्ष द्वारा कुछ लोगों को स्थानीय नागरिक के तौर पर मान्यता देने के लिये जाति एवं निवास प्रमाण पत्र बनाने का प्रस्ताव लाया गया जिसका भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं पार्षद आलोक दुबे के द्वारा प्रस्तावित लोगों में से कुछ लोगों के रोहिंग्या मुसलमान होने का संदेह जताते हुए कड़ा विरोध किया गया ।
भाजपा नेता व पार्षद आलोक दुबे ने हिंद शिखर से चर्चा के दौरान कहा की अंबिकापुर नगर निगम की सामान्य सभा के प्रस्ताव मे 20 लोगो का पिछड़ा वर्ग का जाति-निवास प्रमाण पत्र बनवाने का प्रस्ताव आया था जिसमें अल्पसंख्यक मुसलमान वर्ग के 15 लोगों का नाम था ये सभी कथित तौर पर बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमान है जो पिछले एक-दो वर्षों से अंबिकापुर में अवैध रूप से रह रहे हैं। जिनमें से 12 अल्पसंख्यक मुस्लिम जुलाहा जाति के हैंं जो छत्तीसगढ़ की ओबीसी वर्ग की श्रेणी में आते हैं।
पार्षद आलोक दुबे के द्वारा कांग्रेस पर यह आरोप लगाया गया कि कांग्रेस के लोगों द्वारा वोट बैंक की राजनीति के कारण अवैध रूप से आए इन रोहिंग्या मुसलमानों को जाति एवं निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर निगम की सत्ता का दुरुपयोग कर बहुमत के दम पर यह प्रस्ताव पारित कराना चाहते हैं। नगर निगम में लाए गए इस प्रस्ताव का भारतीय जनता पार्टी एवं पार्षद आलोक दुबे के द्वारा कड़ा विरोध किया गया और सभापति से यह मांग की कि प्रशासन द्वारा टीम गठित कर दस्तावेजों की जांच कराई जाए और यदि पार्षद के द्वारा जाति-निवास प्रमाण पत्र के लिए दिए गए प्रस्ताव में इनके जमीन संबंधी रेवेन्यू का कोई रिकॉर्ड नहीं पाया गया तो इस स्थिति में पार्षद के ऊपर अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाए जिस पर कानूनी कार्यवाही भी की जाए।
पार्षद आलोक दुबे ने बताया की जाति एवं निवास प्रमाण पत्र के मुद्दे पर ये अल्पसंख्यक मुस्लिम सर्वप्रथम जिला प्रशासन, तहसीलदार अंबिकापुर के पास गए थे जब तहसीलदार अंबिकापुर द्वारा इनके दस्तावेजों का मिलान किया गया जिसमें कोई भी दस्तावेज इनके पास वैध नहीं पाया गया और उनके आवेदनों को खारिज कर दिया गया फिर दोबारा इनके द्वारा नगर निगम में कांग्रेस के निर्वाचित अल्पसंख्यक पार्षदों के माध्यम से यह अवैध प्रस्ताव लाया गया है जिसे यह पारित कराकर इन बांग्लादेश से भागे हुए रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से अंबिकापुर को शरण स्थल मान कर यहां बसाना चाह रहे हैं इसलिए इनके द्वारा जाति प्रमाण पत्र दिलाने का आवेदन दिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूरे मामले का सामान्य सभा में उजागर कर दिया गया है और यदि नगर निगम अंबिकापुर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा लगाए गए आरोप कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी तो सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा कलेक्टर, एसपी, आईजी सरगुजा से मिलके इन 15 लोगों के खिलाफ जांच की मांग करेंगे।
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