गोबर के पैसे से प्रमिला के सपनो का आसियाना हुआ साकार , जिले के 6 हजार पशुपालको ने बेचे 1 करोड़ से अधिक के गोबर
महेश यादव, हिंद शिखर न्यूज़ मैनपाट । गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक गोबर बेचकर अपने जरूरत और सपनों को साकार करने में समर्थ हो रहे हैं। मैनपाट जनपद के ग्राम पंचायत कुनिया निवासी श्रीमती प्रमिला यादव ने गोबर के पैसे से अधूरे मकान को पूरा कर आवास का सपना साकार करने में सफल हुई। प्रमिला ने 101.34 क्विंटल गोबर कुनिया गोठान में बेचा जिसके एवज में उन्हें 20 हजार 268 रुपये प्राप्त हुए। श्रीमती प्रमिला ने बताया कि पैसे की कमी के कारण धीरे-धीरे मकान को पूरा करने में लगे थे। गोबर बेचने से पैसा मिला तो मकान को पूरा करने में काफी मदद मिला। प्रमिला के समान जिले के काफी पशुपालक है जो गोबर बेचकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे है और अपनी जरूरतों को आसानी से पूरा कर पा रहे हैं। गोधन न्याय योजना के तहत जिले के 6363 पशुपालकों ने अब तक 1 करोड़ 9 लाख 49 हजार 212 रुपये का गोबर बेच चुके है।
पशुपालको को अतिरिक्त आय का साधन उपलब्ध कराकर आर्थिक रूप से सशक्त करने में उद्देशय से राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना के तहत जिले के 156 गोठनों में गोबर की खरीदी की जा रही है। इन गोठानो मे स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गोबर को वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने का काम किया जा रहा है। अब तक 946 क्विंटल वर्मी खाद तैयार हो चुका है तथा 271 क्विंटल की बिक्री कर 2 लाख 16 हजार 800 रुपये प्राप्त किया गया है।वर्मी खाद को सहकारी समिति के माध्यम से विभागों तथा किसानों को बिक्री किया जा रहा है। गोबर खरीदी से लेकर वर्मी खाद की बिक्री तक के चक्र से समूह की महिलाएं मुनाफा कमा कर गोठान को आत्मनिर्भर गोठान के रूप में स्थापित कर रही है। अब तक 28 गोठान आत्मनिर्भर बन चुके हैं। राज्य शासन द्वारा गोबर की दर 2 रुपए प्रति किलोग्राम तथा वर्मी खाद की दर 8 रुपये प्रतिकिलो ग्राम तय किया गया है।