सरपंचों के विरोध प्रदर्शन के आगे झुके जनपद सीईओ…100 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय में पंचायतों के खाते खोलने का आदेश लिया वापस….अब जनपद मुख्यालय में ही खुलेंगे बैंक खाते.. खाता खोलने पहुंचे एक्सिस बैंक के अधिकारी बैरंग लौटे
प्रतापपुर।सरपंचों ने आज उस समय जनपद कार्यालय का घेराव कर दिया जब यहां एक्सिस बैंक सूरजपुर के अधिकारी प्रतापपुर की पंचायतों का खाता खुलवाने पहुंचे थे।सरपंच संघ वहां खाता खोलने का शुरू से विरोध कर रहे हैं और जनपद सीईओ पर दबाव बनाने का आरोप लगा रहे थे।करीब 1 घण्टे तक सरपंचों ने विरोध प्रदर्शन किया और वे किसी कीमत पर 15 वां वित्त के खाते सूरजपुर में न खोलने पर अड़े हुए थे
14 वां वित्त के बाद अब केंद्र सरकार ने 15 वां वित्त योजना शुरू की है जिसमें पंचायत विकास के लिए राशि जिला पंचायत को मिल चुकी है और अब यह राशि पंचायतों के खातों में ट्रांसफर होनी है।कुछ दिन पूर्व यह बात सामने आई थी कि जनपद सीईओ द्वारा सभी पंचायतों को निर्देशित किया गया है कि वे 15 वां वित्त के खाते एक्सिस बैंक सूरजपुर मन खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करें,उन्हें ये दस्तावेज बैंक में जाकर जमा करने थे।सरपंचों को जब इस बात की जानकारी मिली तो इन्होंने इसे अधिकारियों का दबाव बताते हुए विरोध शुरू कर दिया था और सचिवों को मना कर दिया था कि वे दस्तावेज जमा न करें।उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष को भी आवेदन दे सहयोग की मांग की थी,इन बातों को कई दिन हो गए और खाता खोलने का मामला लंबित पड़ा था।
इस बीच आज अचानक एक्सिस बैंक सूरजपुर के अधिकारी प्रतापपुर पहुंचे थे और जनपद कार्यालय के सभागार में बैठ खाता खोलने की प्रक्रिया करने लगे थे।इसकी जानकारी जब स्थानीय सरपंचों को मिली तो वे बड़ी संख्या में जनपद कार्यालय के बाहर इकट्ठा हो गए और कार्यालय का घेराव कर दिया।विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि एक्सिस बैंक के अधिकारी वापस जाएं,वे पंचायत का खाता सूरजपुर में नहीं खोलेंगे।विरोध प्रदर्शन करते हुए वे वहीं डटे रहे और अधिकारियों पर जबरन दबाव बनाने का आरोप लगाते रहे।इस दौरान जनपद सीईओ ने उन्हें समझाने का अप्रयास किया लेकिन वे नहीं माने और खाता प्रतापपुर से बाहर खोलने को तैयार नहीं हुए।
सरपंचों का कहना था कि सूरजपुर यहां से काफी दूर है,कई पंचायतों की दूरी 100 किलोमीटर से ज्यादा है और बैंक के काम के आइये इतनी दूर जाना आसान नहीं होगा और खर्च भी बढ़ेगा।पूर्व में उक्त बैंक पर स्वस्छ भारत मिशन के खाते होने के दौरान परेशान करने व मिशन से जुड़े अधिकारियों के साथ मिल कमीशनखोरी के आरोप भी लगाए और कहा कि फिर वहां खाता खुला तो यहीं बातें होंगी और वे स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाएंगे।सरपंच संघ ने सभी बातों को रखते हुए एक्सिस बैंक में खाता किसी भी कीमत पर न खोलने की बात कही।इस दौरान प्रतापपुर ब्लॉक के सरपंच बड़ी संख्या में मौजूद थे जिनमें धनपत सिंह,छोटेलाल तिर्की व अन्य शामिल थे।
एक्सिस बैंक के अधिकारी लौटे बैरंग,स्टेट बैंक प्रतापपुर में खुलेंगे खाते..
सरपंचों का विरोध देखते हुए एक्सिस बैंक के अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा,वहीं विरोध के बाद तय हुआ कि अब 15 वां वित्त के खाते भारतीय स्टेट बैंक प्रतापपुर में खोले जाएंगे।मिली जानकारी के अनुसार जनपद सीईओ निजामुद्दीन ने सरपंचों के विरोध की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जिस पर प्रतापपुर में ही खाते खोलने के निर्देश मिले, सीईओ ने जब इस बात से सरपंचों को अवगत कराया तो उनका विरोध प्रदर्शन समाप्त हुआ।इसके बाद एसबीआई के ब्रांच मैनेजर जनपद के सभाकक्ष में आये और तत्काल खाते खोलने का आश्वासन दिया।उन्होंने यह भी कहा कि अब बैंक में पंचायतों के लिए अलग से कैश काउंटर बनाया जाएगा ताकि लेन देन में परेशानी न हो और ज्यादा देर तक इंतजार न करना पड़े।
खाते के चक्कर में अब तक नहीं मिली राशि…
एक्सिस बैंक सूरजपुर में खाता खोलने कई दिन पूर्व निर्देश प्राप्त हुए थे जिसका विरोध ही रह था और अब तक तय नहीं हो पाया था कि खाते कहां खुलेंगे।इस दौरान सबसे बड़ी बात यह सामने आई कि खातों के चक्कर में अब तक पंचायतों को 15 वां वित्त की राशि नहीं मिल सकी है जिस कारण योजना की राशि का खर्च नहीं पा रहा है।बताया जा रहा है कि योजना की राशि उच्च कार्यालय में आ गई गई जहां से पंचायतों के खाते में ट्रांसफर होनी है।
पंचायत की सुविधा के हिसाब से बैंकों का चयन क्यों नहीं…
प्रतापपुर ब्लॉक में वर्तमान ने 101 ग्राम पंचायत हैं जिनमें से कई की दूरी 40 किलोमीटर तक है,बैंक खातों की बात करें तो सभी पंचायतों के खाते प्रतापपुर के बैंकों में हैं।स्वच्छ भारत मिशन का खाता एक्सिस बैंक सूरजपुर में खोला गया था और अब 15 वां वित्त के खाते भी वहीं खोलने दबाव था।प्रतापपुर में बैंकों की बात करें तो गोविंदपुर,सोनगरा,धरमपुर में ग्रामीण बैंक और केरता में निजी बैंक हैं जहां आसपास की पंचायतों के खाते खोले जा सकते हैं जो उनके लिए सुविधाजनक होगा।लेकिन आक तक ऐसा कोई प्रयास नहीं हुआ कि पंचायतों की सुविधा के हिसाब से उनके खाते पास के बैंकों में खोले जाएं।यह बात सामने आती रही है कि पंचायतों के खातों के लिए स्थानीय बैंक के अधिकारी जनपद के अधिकारी से मिल उन्हें कन्वेंस करते हैं जिसके बाद इनके खाते वहीं खुलते हैं जहां जनपद के अधिकारी चाहते हैं।