शिक्षा

शिक्षको की सीधी भर्ती हेतु दस्तावेज सत्यापन फिर स्थगित , 28 अक्टूबर से होना था दस्तावेज परीक्षण

अमित श्रीवास्तव,  हिंद शिखर न्यूज़ अम्बिकापुर/   शिक्षण के संयुक्त संचालक ने बताया है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सरगुजा संभाग से शिक्षक सीधी भर्ती हेतु प्रावधिक रूप से चयनित अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन आगामी आदेश पर्यन्त स्थगित कर दिया गया है। नवीन तिथि एवं प्रक्रिया के संबंध में पृथक से सूचना दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सरगुजा संभाग से शिक्षक सीधी भर्ती हेतु प्रावधिक रूप से चयनित अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन हेतु 28 अक्टूबर से 18 नवम्बर तक तिथि निर्धारित किया गया था। ज्ञात हो कि शिक्षक भर्ती के मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बार फिर अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन कराने का आदेश जारी किया है। विभाग लाखों रुपये खर्च कर पहले ही सत्यापन करा चुका है फिर सरकार ने कोरोना के कारण भर्ती पर रोक लगा दी थी। अफसरों का कहना है कि दोबारा कागजात जांच कराने में अभ्यर्थियों को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। दूसरी ओर अभ्यर्थियों का कहना था कि फिर वही प्रक्रिया होने से भर्ती में देरी होगी। एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शिक्षकों की भर्ती जल्द से जल्द करने का निर्देश दे रहे हैं और अफसर इस तरह का आदेश निकाल रहे हैं। इससे मामला उलझता नजर आ रहा है। जिले के अभ्यर्थी भी अब इससे असमंजस में हैं।

गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा विभाग विभिन्ना संवर्गों में 14 हजार 580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती करने जा रहा है। इसके लिए मार्च 2019 में विज्ञापन जारी किया गया था। व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) ने मई 2019  में परीक्षा ली थी। विभिन्ना वर्गों के परिणाम 30 सितंबर से लेकर 22 नवंबर 2019 तक जारी किए गए थे। फिर विभाग ने व्यापमं की मेरिट सूची के आधार अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया था। इसके बाद चयन सूची के आधार पर नियुक्ति होनी थी।
कोरोना के कारण भर्ती प्रक्रिया रोकने पर अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन भी किया था। अब विभाग ने भर्ती को लेकर नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नियुक्ति के लिए आठ बिंदु तय किए गए हैं। नियुक्ति पहले तीन साल की परिवीक्षा अवधि के लिए होगी। नियुक्ति आदेश अलग-अलग जारी होंगे और वरिष्ठता का निर्धारण व्यापमं की मेरिट सूची के आधार पर होगा।अब दोबारा इन प्रक्रियाओं से गुजरेंगे अभ्यर्थी आदेश के अनुसार एक बार फिर अभ्यर्थियों को कार्यालय बुलाकर दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। मेडिकल फिटनेस प्रमाण-पत्र, नियुक्तिकर्ता अधिकारी कार्यालय से दस्तावेज सत्यापन, सत्यापन के लिए लिखित सूचना देना, पुलिस जांच आदि प्रक्रियाओं से उन्हें फिर गुजरना होगा।

2014 से पहले टीईटी करने वाले हो जाएंगे अपात्र

राज्य में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करना जरूरी है। सात साल बाद टीईटी की वैधता समाप्त हो जाती है। ऐसे में साल 2014 के पहले टीईटी में सफल अभ्यर्थी अपात्र हो जाएंगे।

कई विवाद पहले से लंबित

बता दें कि छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती को लेकर कई विवाद सामने आ चुके हैं । पहला विवाद इंजीनियरिंग के अभ्यर्थियों को लेकर है। दरअसल, व्यापमं ने जब आवेदन मंगाया था, तब इंजीनियरिंग के छात्रों को स्वीकार किया गया था। बाद में यह कहकर उन्हें बाहर कर दिया गया कि इंजीनियरिंग के विषय को गणित के रूप में स्कूलों में शामिल नहीं किया जा सकता है। तब अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था मामला अभी लंबित है।

 

 

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