प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट….डामर का रंग फीका भी नही हुआ और सड़क ने तोड़ा दम
सीतापुर:-प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ो की लागत से बनने वाली सड़के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।अधिकारियों से साँठगाँठ कर ठेकेदारों ने सड़क निर्माण में इस कदर अनियमितता बरती की डामर का रंग फीका होने से पहले ही सड़के दम तोड़ने लगी।क्षेत्रीय लोगो ने करोड़ो की लागत से कराये गये सड़क निर्माण कार्य पर सवाल खड़े करते हुये जाँच की माँग की है।विदित हो कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत ग्राम बनेया हरिजनपारा से केरजु डिंगरापारा तक 8 किमी लंबे सड़क का निर्माण किया गया है जिसकी कुल लागत 93 लाख है और इसको बनने में 7 माह लगे थे।
इस सड़क के बनने से वर्षो से जर्जर सड़क का अभिशाप झेल रहे लोगो ने राहत की साँस ली थी किंतु उनकी यह खुशी तब काफूर हो गई जब सड़क बनने के एक माह बाद ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते हुये क्षतिग्रस्त होने लगी।अधिकारियों से साँठगाँठ कर ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण में किये गये भ्रष्टाचार की पोल पहली बारिश ने खोलकर रख दी सड़क निर्माण में बरती गई लापरवाही पहली बारिश का मार भी नही झेल सकी और डामर फीका होने से पहले सड़क ने दम तोड़ दिया।8 किमी लंबी दूरी वाले इस सड़क का कई हिस्सा बड़े बड़े गड्ढो में तब्दील हो गये है जबकि कुछ जगह बारिश ने सड़क की ऐसी हालत कर दी है कि वहाँ से गुजरना मुश्किल हो गया है।प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना द्वारा इतने बड़े बजट की लागत से कराये गये सड़क निर्माण का ये हश्र देख स्थानीय निवासी अर्जुन,तेजू, शोभन,जोगेंद्र राजनाथ सहित अन्य ग्रामीणों में काफी रोष है उन्होंने सड़क की इस दुर्दशा के लिये विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए जाँच की माँग की है।इस संबंध में एसडीओ पीएमजीएसवाई जी एस सिदार से संपर्क साधा गया पर उन्होंने कोई जबाब नही दिया।
वही पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रभात खलखो ने अधिकारियों पर कमीशनखोरी एवं क्षेत्र के विकास के साथ छल करने का आरोप लगा कहा कि सीतापुर क्षेत्र अधिकारियों का चारागाह बन गया है अधिकारी बेलगाम हो गये है।उन्होंने सड़क निर्माण कार्य मे हुये भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की जाँच सहित दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की माँग की है।