महिला स्वाभिमान की प्रतीक थी माता राजमोहिनी….आदिवासी गौरव समाज ने जंयती पर सभा आयोजित कर दी श्रद्धांजलि
अम्बिकापुर- सामाजिक क्रान्ति की अग्रदूत व समाज सुधारक माता राजमोहिनी देवी की 107 जंयती के अवसर पर आदिवासी गौरव समाज द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्रद्धांजलि सभा व नवापारा व ठनगन पारा स्थित अपशिष्ट एवं तरल पदार्थ प्रबंधन केंद्र (NRLM) में सफाई सैनिक बहनों को साड़ी,सेनेटाइजर व मास्क बांटकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई!
आयोजित सभा में माता राजमोहिनी देवी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संघ के विभाग प्रचारक राजकुमार चन्द्रा ने कहा कि माता राजमोहिनी महिला स्वाभिमान की प्रतीक थी उनके समय में बेहद पिछड़ापन होते हुते भी उन्होंने आगे आकर समाज में व्याप्त कुरीतियों को दुर करने के लिए सामाजिक क्रांति का सुत्रपात किया उन्होंने नशामुक्ति के लिए जनजाति समुदाय में उल्लेखनीय कार्य किया!स.शि.म के जिला समन्वयक रामप्रशाद गुप्ता ने कहा कि माता राजमोहिनी वनांचल क्षेत्र में घोर अभावों के बीच रहकर भी मानवीय मूल्यों को समझते हुए आदिवासी समाज को एक सूत्र में पिरोने का काम किया!स.शि.म प्राचार्य श्रीमती मीरा साहू ने कहा कि उनके किये हुए उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्हें सदैव याद किया जाता रहेगा वे मनुष्य ही नहीं अपितु प्राणी मात्र के लिए अहिंसाकी बात करती थी वे पशुबलि प्रथा का कठोरता से विरोध करती थी! विनोद हर्ष ने कहा कि माता राजमोहिनी देवी केवल आदिवासी समाज ही नहीं अपितु समाज के हर धर्म,जाति के लोगों की प्रेरणा स्रोत हैं उनकी धार्मिक, राजनैतिक व सामाजिक क्षेत्र में निरक्षर होने के उपरांत भी गहरी पैठ थी! डॉ रविशंकर सिंह ने उन्हें पथप्रदर्शक निरुपित करते हुए प्रबल दृढ़ इच्छाशक्ति से भरी महिला बताया!
श्रद्धांजलि सभा का संचालन राम-लखन पैंकरा व आभार प्रदर्शन वंशीधर उरांव ने किया
इस अवसर सर्वश्री लेखराज अग्रवाल ,सह विभाग प्रचारक ठाकुर राम,नगर प्रचारक राजकुमार यादव ,वंशीधर उरांव,संतोला सिंह,संजय सिंह ,हरि एक्का ,कमलेश टोप्पो,प्रभात श्रीवास्तव व अंकित तिर्की सहित अन्य स्वयंसेवक उपस्थित रहे !