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चंद्रिका कुशवाहा
सूरजपुर। प्रदेश सरकार किसानों को वैज्ञानिक विधि से खेती करने और कम लागत में अधिक पैदावार करने के लिए जगह-जगह कृषि मेले का आयोजन कर किसानों को जागरूक कर रही है। वही विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते गांव के किसान परेशान है। हालत यह है कि कृषि विभाग से किसानों को बीज नहीं मिल पा रहा। जिससे किसान मजबूर होकर प्राइवेट दुकानदारों से महंगा बीज खरीदने को विवश हो रहे हैं।
सूरजपुर जिले में किसानों के लिए मिनी किट बीज का संकट गहराता जा रहा है। माह जून का आखरी सप्ताह चल रहा है खरीफ फसल की बोवनी के लिए किसान आतुर है। आगामी खरीफ फसल लिए किसानों को सोयाबीन,मक्का,मूंग,मूंगफली, उड़द, कपास आदि प्रकार के बीज की आवश्यकता है। किसान प्रतापपुर कृषि विभाग के चक्कर पे चक्कर लगा कर परेशान हो चुके हैं। पर कृषि विभाग में किसी प्रकार का मिनी किट बीज उपलब्ध नहीं होने से किसान मजबुर होकर निजी खाद बीज की दुकान से मंहगा बीज लेने को विवश हो रहा है।
दुकानदार किसानों से वसूल रहे मनमाने दाम
क्षेत्र के ज्यादातर किसान बाजार से प्रमाणित और हाईब्रिड बीज खरीदना पसंद करते हैं। ऐसे हजारों किसान बीज के लिए भटक रहे हैं और मजबूरन महंगे दाम चुका रहे है।शहर में बीज खरीदने के लिए रोजाना किसान दुकानों पर पहुंच रहे हैं। किसानों का कहना है कि दुकानदार मनमाने दाम वसूल रहे हैं और किसानों को मांगने पर भी पक्का बिल नहीं दे रहे हैं।
किसानों का कहना है कि उन्हें बीज की जरूरत अभी है। एक एकड़ में 10 किलो तक बीज किसानों को लगता है। हाइब्रिड किस्म के बीज पर प्रति एकड़ 2500 से 2800 रुपए बीज पर ही खर्च पड़ेंगे। इतना महंगा बीच और लागत लगाकर किसान खेती करेगा। इसके बाद उसकी धान का मूल्य भी कम मिलता है। ऐसे में किसान परेशान होते हैं। क्षेत्र के किसानों ने जिला प्रशासन से तत्काल बीज उपलब्ध कराने की मांग की है।
किसानों को अब तक किट का वितरण नहीं होना निश्चित ही गंभीर समस्या है, मैं इसे देखता हूँँ।
रणवीर शर्मा, कलेक्टर सूरजपुर