छत्तीसगढ़बलरामपुर

मामूली कहासुनी के बाद दुकानदार पर पेट्रोल डालकर जानलेवा हमला…

साप्ताहिक बाजार में मामूली कहासुनी के बाद एक दुकानदार पर पेट्रोल डालकर आग लगाने वाले आदतन अपराधी को बरियों पुलिस ने अंबिकापुर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ लूट, चोरी, मारपीट और नशीली दवाओं के व्यापार समेत कई गंभीर मामले पहले से ही दर्ज हैं।
यह घटना 7 अगस्त, 2025 की है। बरियों के साप्ताहिक बाजार में प्रार्थी अंकित बुन्देलखंडी अपने जीजा बलराम कटारे के साथ मटन बेच रहे थे। शाम के समय विकास दास नाम का एक शख्स वहां आया और मटन की कीमत को लेकर अंकित और उसके जीजा से झगड़ने लगा। विवाद बढ़ने पर विकास दास ने उन्हें धमकी दी और गाली-गलौज करते हुए वहां से चला गया।
लगभग आधे घंटे बाद, शाम 5:30 बजे के करीब, विकास दास अपनी शर्ट के नीचे एक पानी की बोतल में पेट्रोल छिपाकर वापस आया। उसने बलराम कटारे के ऊपर पेट्रोल छिड़का और लाइटर से आग लगा दी। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि बीच-बचाव करने आए अंकित के कान और हाथ भी जल गए। इस हमले में बलराम गंभीर रूप से झुलस गए, जिन्हें इलाज के लिए अंबिकापुर के मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था।
प्रार्थी की शिकायत पर चौकी बरियों, थाना राजपुर में आरोपी विकास दास के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक, बलरामपुर श्री वैभव बैंकर के निर्देश पर आरोपी की तलाश शुरू की गई। पुलिस टीम को पता चला कि आरोपी शातिर और चालाक किस्म का अपराधी है, जिसके खिलाफ बलरामपुर, सरगुजा और सूरजपुर जिलों में भी कई मामले दर्ज हैं। लगातार प्रयासों के बाद पुलिस ने आरोपी को अंबिकापुर में धर दबोचा। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल, पेट्रोल की बोतल और लाइटर भी बरामद कराए।
आदतन अपराधी है विकास दास

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी विकास दास के खिलाफ पहले भी कई संगीन मामले दर्ज हैं, जिनमें चोरी, लूट, मारपीट और नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार शामिल है। वह बलरामपुर और अन्य जिलों में भी कई मामलों में वांछित था। इन मामलों के कारण पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
इस पूरी कार्रवाई में चौकी प्रभारी उप निरीक्षक रविन्द्र प्रताप सिंह, प्रधान आरक्षक विजय गुप्ता, प्रदीप यादव, बृजभान पैकरा और आरक्षक जगनाथ केराम, सुबोध पैकरा, सुरेन्द्र रवि, राममुरत यादव, रंजीत गुप्ता का विशेष योगदान रहा।

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