अम्बिकापुर

सरगुजा पैलेस से पीतल की मूर्ति चुराकर कबाड़ी को बेचा, मिले पैसों से चला रहे थे नशीले इंजेक्शन का कारोबार; कबाड़ी इमरान एवं ऑटो चालक शरीफुल्ला सहित चार गिरफ्तार..

अंबिकापुर: सरगुजा पैलेस से पीतल की एक बेशकीमती मूर्ति चुराकर उसे बेचने और उससे मिले पैसों से नशे का कारोबार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में दो मुख्य आरोपी मोहम्मद शरीफुल्ला खान और मोहम्मद राजूल अंसारी सहित कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने चोरी की गई मूर्ति के पैसों से झारखंड से बड़ी मात्रा में नशे के इंजेक्शन लाकर अंबिकापुर में बेचना शुरू कर दिया था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चोरी हुई मूर्ति के टुकड़े और 200 नग नशे के इंजेक्शन बरामद किए हैं।

चोरी की घटना का विवरण

यह मामला तब सामने आया जब 4 अगस्त 2025 को सरगुजा पैलेस के मैनेजर राज सोनी ने अंबिकापुर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि पैलेस के पोर्च में रखी हुई पीतल की हाथी की एक मूर्ति चोरी हो गई है। इस मूर्ति का वजन लगभग 15 किलो और कीमत 35,000 रुपये थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

पुलिस की कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी

मामले की जांच के दौरान, पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि दो संदिग्ध युवक, मोहम्मद शरीफुल्ला और मोहम्मद राजूल, अंबिकापुर में पीतल की मूर्ति बेचकर नशे के इंजेक्शन खरीद रहे हैं और बेच रहे हैं। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने खैरबार रोड नहर किनारे से दोनों संदिग्धों को घेराबंदी कर पकड़ा।

पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उन्होंने बताया कि मोहम्मद शरीफुल्ला, जो ऑटो चलाने और मजदूरी का काम करता है, नशे का आदी है। उसने करीब एक महीने पहले सरगुजा पैलेस के पोर्च में रखी पीतल की मूर्ति देखी थी। नशे के इंजेक्शन खरीदने के लिए पैसों की जरूरत होने पर वह 3 अगस्त की रात करीब 12 बजे पैलेस की बाउंड्री वॉल कूदकर अंदर घुसा और मूर्ति चुराकर अपने घर ले गया।

अगले दिन उसने अपने दोस्त मोहम्मद राजूल अंसारी से संपर्क किया। दोनों ने मिलकर मूर्ति को कटर मशीन से छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा और बोरी में भर दिया। इसके बाद, उन्होंने कटा हुआ पीतल का टुकड़ा कबाड़ी इमरान मलिक को 7,200 रुपये में बेच दिया।

नशे का व्यापार

चोरी और बिक्री से मिले पैसों का इस्तेमाल आरोपियों ने नशे का व्यापार शुरू करने के लिए किया। दोनों बस से डाल्टेनगंज, झारखंड गए और वहां से 220 नग नशे के इंजेक्शन खरीदे। वापस अंबिकापुर आकर उन्होंने कुछ इंजेक्शन खुद इस्तेमाल किए और बाकी को नशेड़ियों के पास बेचना शुरू कर दिया।

पुलिस ने दोनों आरोपियों की निशानदेही पर इस गिरोह में शामिल कबाड़ी इमरान मलिक (20) और शरीफुल्ला के दोस्त शाकिर हुसैन (42) को भी गिरफ्तार किया। शाकिर ने चोरी की गई मूर्ति को अपनी बिरयानी की दुकान में छिपाने में मदद की थी।

पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हें माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया है। इस पूरी कार्रवाई में कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष सिंह परिहार, उप निरीक्षक संपत पोटाई, प्रधान आरक्षक अजय पाण्डेय, और अन्य पुलिसकर्मी सक्रिय रहे।

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