राजस्व अधिकारियों और राजस्व मंत्री के बीच वार्ता: डिप्टी कलेक्टर के पदों पर 50:50 अनुपात बहाली सहित इन मांगों पर बनी सहमति

रायपुर, राजस्व अधिकारियों की 17 सूत्रीय मांगों पर बनी सहमति के बाद उनकी हड़ताल आज समाप्त हो गई। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा की पहल पर हुई सफल वार्ता के बाद राजस्व संघ के पदाधिकारियों ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। इस फैसले से राज्य में गत कुछ दिनों से ठप्प पड़े राजस्व संबंधी कार्य फिर से सुचारू रूप से शुरू हो सकेंगे, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी।
राजस्व अधिकारियों ने अपनी मांगों के संबंध में 28 जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया था। आज राजस्व मंत्री वर्मा के निवास कार्यालय में हुई महत्वपूर्ण बैठक में राजस्व अधिकारियों की मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में राजस्व सचिव, राजस्व संचालनालय के संचालक और उप सचिव भी मौजूद थे।
राजस्व मंत्री ने किया समाधान का आश्वासन
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने इस अवसर पर कहा कि “राजस्व विभाग शासन की रीढ़ है, और अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनकी समस्याओं को सरकार गंभीरता से लेती है और उचित समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने संघ के पदाधिकारियों को उनकी मांगों के समाधान के लिए ठोस आश्वासन दिया, जिसके बाद संघ ने हड़ताल खत्म करने का फैसला किया।
इन प्रमुख मांगों पर बनी सहमति
इस बैठक में कई अहम बिंदुओं पर सहमति बनी, जिनमें शामिल हैं:
पदोन्नति/सीधी भर्ती अनुपात: डिप्टी कलेक्टर के पदों पर पदोन्नति और सीधी भर्ती का 50:50 का अनुपात बहाल करने पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।
राजपत्रित अधिकारी का दर्जा: नायब तहसीलदार और तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने संबंधी प्रस्ताव पर सरकार त्वरित कार्रवाई करेगी।
लंबित मामलों का निपटारा: नायब तहसीलदारों और तहसीलदारों के लंबित ग्रेड पे और पदोन्नति के मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाएगा।
सरकारी वाहन: सभी तहसीलों में कार्यरत अधिकारियों को प्रोटोकॉल और कानून-व्यवस्था की ड्यूटी के लिए सरकारी वाहन और चालक की सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है।
निलंबन की जांच: बिना वैध प्रक्रिया के निलंबित या अभियोजित अधिकारियों की स्थिति की 15 दिनों के भीतर जांच कर बहाली की कार्रवाई की जाएगी।
जनता को मिली बड़ी राहत
हड़ताल समाप्त होने से प्रदेश भर में राजस्व संबंधी कार्यों, जैसे नामांतरण, बंटवारा, भू-अधिकार अभिलेख और सीमांकन, में हो रही देरी पर रोक लगेगी। यह निर्णय राजस्व विभाग और सरकार के बीच संवाद और समन्वय का सफल उदाहरण है, जो प्रशासनिक मजबूती और जनसेवा के लिए बेहद जरूरी है।
राजस्व संघ के प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत सिंह राठौर, प्रदेश सचिव प्रशांत पटेल और प्रदेश प्रवक्ता शशिभूषण सोनी सहित अन्य पदाधिकारी इस बैठक में मौजूद थे। संघ ने सरकार की तत्परता और समाधानात्मक रुख की सराहना करते हुए भरोसा जताया कि लंबित विषयों पर आगे भी संवेदनशील निर्णय लिए जाएंगे।




