

सूरजपुर । जिला पंचायत सुरजपुर में आज दोपहर लगभग 12 बजे अचानक धुआं उठता दिखाई दिया, जिसके बाद आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। कुछ ही पलों में, आग ने पूरे महत्वपूर्ण प्रशासनिक परिसर को अपनी चपेट में ले लिया। स्थानीय नागरिकों और कार्यालय में काम करने वाले लोगों की तत्परता से दी गई सूचना पर तत्काल फायर ब्रिगेड की टीम घटनास्थल पर पहुंची। लगभग 30 मिनट के अथक प्रयास के बाद आग पर काबू पाया जा सका, सूत्रों के मुताबिक जिला पंचायत कार्यालय के विकास और जनकल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण रिकॉर्ड जलकर राख हो चुका था।
प्राप्त विश्वसनीय सूचनाओं के अनुसार तीस से अधिक कंप्यूटर सिस्टम, अनगिनत भौतिक फाइलें, महत्वपूर्ण शासकीय अभिलेख, कार्यालयीन फर्नीचर और डिजिटल स्टोरेज डिवाइस पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इस क्षति का मौद्रिक मूल्य लाखों रुपये में आंका जा रहा है। विशेष रूप से चिंता का विषय यह है कि जिन बहुमूल्य दस्तावेजों में लोक कल्याणकारी योजनाओं की रूपरेखा, पंचायत अनुदानों का विवरण, विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति और वित्तीय स्वीकृतियों से संबंधित लेखा-जोखा था, वे सब इस अग्निकांड की भेंट चढ़ गए हैं।
हालांकि आग लगने का प्राथमिक कारण बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, लेकिन इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह एक बड़ा और लाजमी प्रश्न है कि जिला स्तर के इतने महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्यालय में अग्नि सुरक्षा के पर्याप्त उपकरण क्यों नहीं लगाए गए थे? क्या नियमित अंतराल पर विद्युत व्यवस्था का समुचित रखरखाव किया जाता था? और यदि किया जाता था, तो फिर सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कहां पर हुई?
घटना के बाद, दमकल विभाग की टीम ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर आग बुझाने का कार्य आरंभ कर दिया था और लगभग आधे घंटे की अथक मेहनत के बाद आग पर नियंत्रण स्थापित कर लिया गया।
गनीमत यह रही कि इस दुर्भाग्यपूर्ण आगजनी में किसी भी व्यक्ति के हताहत होने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। घटना के समय अधिकांश कर्मचारी कार्यालय के बाहर थे, जिसके कारण एक संभावित बड़ी जनहानि टल गई।





