उदयपुर

रामगढ़ में उमड़ा आस्था का जनसैलाब: रामनवमी पर श्रद्धालुओं की भीड़ से व्यवस्था चरमराई..छिट पुट घटनाओं के बीच मेला जारी लाखों की संख्या में पहुंचे लोग

उदयपुर
रामनवमी के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित उदयपुर के रामगढ़ में आस्था का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा। लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्राचीन राम-जानकी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे, जिसके चलते प्रशासन और समिति की सारी व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हुईं। भोर में 2 बजे से ही श्रद्धालुओं का तांता शुरू हो गया था, जो सूरज की पहली किरण के साथ और बढ़ता गया। सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक नीचे सीढ़ियों से लेकर मंदिर तक भीषण जाम की स्थिति बनी रही। कुछ समझदार लोगों के प्रयासों से श्रद्धालुओं का आवागमन किसी तरह जारी रहा, लेकिन भीड़ के आगे व्यवस्था पूरी तरह बेकाबू दिखी।

रामगढ़ का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

रामगढ़, उदयपुर के पास सरगुजा जिले में स्थित एक प्राचीन स्थल है, जिसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बेहद खास है। यह स्थान रामायण काल से जुड़ा माना जाता है, जहां माता सीता ने अपने निर्वासन के दौरान समय बिताया था। पास ही स्थित **सीता बेंगरा** नामक गुफा को लेकर मान्यता है कि यह भगवान राम और सीता से संबंधित है। यह मंदिर और मेला हर साल रामनवमी पर देश भर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, जिससे यह क्षेत्र आस्था का प्रमुख केंद्र बन जाता है।

भीड़ के आगे फेल हुई व्यवस्था

सीमित संख्या में मौजूद समिति सदस्यों और पुलिस बल के बावजूद इस विशाल आयोजन को संभालना असंभव-सा हो गया। नीचे सीढ़ियों से लेकर मंदिर तक पैर रखने की जगह नहीं बची। ऐतिहासिक सीता बेंगरा से मेला स्थल तक पैदल यात्रियों का ऐसा रेला उमड़ा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। प्रशासन की तैयारियां इस भीड़ के सामने नाकाफी साबित हुईं।

दुर्घटनाओं ने बढ़ाई चिंता भीड़ के बीच कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं भी सामने आईं

– मधुमक्खी का हमला: सुबह 9:30 बजे चंदन मिट्टी के पास मधुमक्खियों ने 35 वर्षीय महेश्वर पर हमला कर दिया, जिसमें वह घायल हो गए।
-सीढ़ी से गिरने की घटना: सुबह 10 से 11 बजे के बीच कमल प्रसाद (निवासी कुमदा कॉलोनी, विश्रामपुर) सिंह द्वार के पास सीढ़ियां चढ़ते वक्त थकान के कारण बैठ गए। खड़े होने पर अचानक उनका संतुलन बिगड़ा और वे खाई में गिर गए। सिर, पैर और कमर में चोट के साथ उनकी नाक से रक्तस्राव शुरू हो गया, जो अभी तक बंद नहीं हुआ है। कुछ उत्साही युवाओं ने मानव श्रृंखला बनाकर उन्हें खाई से निकाला। घायल को प्राथमिक उपचार के लिए उदयपुर सीएचसी ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। इस बचाव कार्य में मनोज जायसवाल, दीना यादव, सचिव गोपाल राम सहित अन्य लोग शामिल रहे।

भंडारे और जलपान की व्यवस्था ने दी राहत
हर साल की तरह इस बार भी रामगढ़ मेले में जगह-जगह भंडारे और जलपान की व्यवस्था की गई थी। ग्राम पंचायत रामनगर सरपंच प्रदीप सिंह द्वारा मंदिर के समीप, ग्राम पंचायत उदयपुर द्वारा बड़ा तुर्रा के समीप, सचिव राजकुमार द्वारा बड़ा तुर्रा के पास , सीढ़ी के समीप एक भंडारा, दुर्गा राइस मिल, विधायक राजेश अग्रवाल, श्री राम सेवा समिति लखनपुर, अग्रवाल समाज उदयपुर और डांडगांव सहित कई अन्य लोगों ने गुड़-चना और पानी का इंतजाम किया। इन व्यवस्थाओं ने श्रद्धालुओं को भीषण गर्मी और भीड़ में थोड़ी राहत पहुंचाई। भंडारे के अभाव में पानी की किल्लत बड़ी समस्या बन सकती थी।

व्यवस्था बढ़ाने की जरूरत है

रामगढ़ में रामनवमी का मेला आस्था और भक्ति का प्रतीक है, लेकिन इस साल की अप्रत्याशित भीड़ ने प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी। उम्मीद से विपरीत उमड़ी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था को बेहतर करने के लिए भविष्य में और ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सरगुजा की सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है।

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