राष्ट्रीय

वक्फ संशोधन विधेयक को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी.. नाम भी बदला, नया नाम होगा “उम्मीद” अधिनियम 1995 ..

संसद के दोनों सदनों से बजट सत्र में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई। इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम भी बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) अधिनियम, 1995 हो गया है।

विपक्षी दलों कई मुस्लिम संगठनों के विरोध के बावजूद लोकसभा ने 3 अप्रैल को राज्यसभा ने 4 अप्रैल को तड़के इसे मंजूरी प्रदान की। लोकसभा में इसके समर्थन में 288 विरोध में 232 वोट पड़े थे जबकि ऊपरी सदन(राज्यसभा) में इसके पक्ष में 128 विरोध में 95 वोट पड़े।

नए वक्फ कानून का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग, पक्षपात अतिक्रमण को रोकना है। सरकार का कहना है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधन संरक्षण को सुनिश्चित करना है। राष्ट्रपति मुर्मु के हस्ताक्षर के बाद अब यह कानून पूरे देश में लागू हो गया है, जिससे वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा उचित उपयोग को लेकर नई दिशा मिलेगी। इस कानून के लागू होने से वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

बता दें कि इस बिल में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों महिलाओं को शामिल करना, वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण, कलेक्टर को सर्वेक्षण का अधिकार, ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की अनुमति दी गई है। इसका उद्देश्य पारदर्शिता एवं कुशल प्रबंधन बताया गया है।

केंद्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों सदनों में कहा कि इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि करोड़ों गरीब मुस्लिम महिलाओं बच्चों को लाभ मिलेगा। राज्य वक्फ बोर्डों में कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्यों के प्रावधान पर विरोधों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि 11 सदस्यीय बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या तीन से अधिक नहीं होगी। इस प्रकार, बहुमत मुसलमानों का ही होगा।

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