पहली बार चीन ने की अपने सैनिकों के मारे जाने कि पुष्टि…. देर शाम बॉर्डर पर चीन के हेलीकॉप्टर मृत और घायल सैनिकों को ले जाते देखे गए
LAC पर सोमवार रात को सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण गलवान घाटी मे चीन द्वारा किए जा रहे हैं अवैध अतिक्रमण को रोकने कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में गए भारतीय सैनिकों पर चीन के सैनिकों ने हमला कर दिया। चीन के सैनिकों ने पहले ऊंचे स्थान से पत्थरों से भारतीय सैनिकों पर हमला किया पथराव में भारतीय सेना के कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू सहित सैनिक बुरी तरह से घायल हो गए। घायल होने के बाद वे शहीद हो गए। चीन के उकसावे पर भारतीय सैनिकों भी चीन के सैनिकों को जवाब दिया । बताया जा रहा है कि चीन के सैनिकों ने कील लगे डंडो और लोहे की रॉड से सैनिकों पर हमला किया । भारतीय सैनिकों ने बहादुरी से चीन का मुकाबला किया। चीन के साथ हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं। इससे पहले आज दोपहर में एक अफसर और दो जवानों के शहीद होने की खबर आई थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस झड़प में 20 सैनिक शहीद हुए हैं। बताया जा रहा है कि ये संख्या बढ़ भी सकती है।
लद्दाख के गलवान घाटी में जो हुआ वो संक्षेप में कुछ यूँ है कि जब दोनों ही सेनाओं के सीनियर अफसरों के बीच, सेना को पीछे ले जाने पर समझौता हो गया, तो कुछ भारतीय सेना के जवान और अफसरों ने, बिना किसी हथियार के चीनी सैनिकों द्वारा बनाए गए कैंप की तरफ जा कर हटने को कहा। चीनी सैनिकों ने इस बात पर पत्थरबाजी कर दी और कमाडिंग ऑफिसर, कर्नल संतोष समेत भारतीय पार्टी पर कँटीले तारों से लिपटे डंडे आदि से बुरी तरह हमला किया। जब तक भारतीय खेमे तक बात पहुँचती, भारतीय सैनिकों को चीनी सेना के दूसरे कैंप से आए सैनिकों ने घेर लिया था। कर्नल संतोष वीरगति को प्राप्त हुए। दोनों तरफ से झड़प लड़ाई चलती रही और यह बड़े इलाके में फैल गई। घाटी के नीचे तेज बहती नदी में कई जवान गिरे और दोनों ही तरफ से सैनिक बलिदान हुए। बाद में 17 घायल सैनिकों ने भयावह ठंढ और ऑक्सीजन की कमी वाली इस ऊँचाई पर अपने जख्मों से लड़ते हुए अंतिम साँस ली।
वहीं, न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस घटना में चीनी सेना के 43 जवानों भी मौत अथवा बुरी तरह घायल हुए है. कई घायल जवान की हालत बहुत गंभीर बताई जा रही है।
चीन के सरकारी प्रवक्ता ने ट्वीट करके 5 सैनिकों की मौत और 11 सैनिकों के घायल होने की पुष्टि
किंतु चीन के सरकारी प्रवक्ता के इस दावे को भारतीय सामरिक विशेषज्ञों ने झूठा बताया है क्योंकि कल रात अंधेरा होते ही बड़ी संख्या में चीन के हेलीकॉप्टर हताहत सैनिकों को लेने पहुंचे थे
- इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन पर हमला बोलते हुए कहा है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की यथास्थिति को बदलना चाहता था और चीन की तरफ से यथास्थिति बदलने के प्रयास के नतीजे के रूप में यह हिंसक झड़प हुई। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी पक्ष द्वारा एकतरफा रूप से एलएसी की स्थिति को बदले का प्रयास किया गया और यथास्थिति बदलने के प्रयास के नतीजे के रूप में एक हिंसक झड़प हुई।
श्रीवास्तव ने कहा कि इस झड़प में दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए जिस स्थिति से बचा जा सकता था। उन्होंने चीन की निंदा करते हुए कहा कि उच्च स्तर पर जो समझौता हुआ था, उसे चीनी पक्ष की ओर से तोड़ा गया।